——–
एनडीआरएफ के अभियान के दौरान हाई पॉवर टार्च और सीटियां ही सहारा बनीं। लांचों के करीब जाकर उन्हें टार्च की रोशनी से सतर्क किया गया। फिर सीटियों के सहारे निर्देशित किया गया। लांचों को रेस्क्यू dर सुरिक्षत उनके चैनल में ले जाकर किनारे तक लगवाया गया।
कुहासे के कारण हुई समस्या मकर संक्रांति के दौरान लगातार दो दिनों तक कुहासे के कारण समस्या हुई। जल परिवहन पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ा। लांच में लगी अत्याधुनिक तकनीक जीपीएस भी प्रभावित हुई। प्रकृति की औचक घटनाओं से हर समय त्वरित तरीके से नहीं निपटा जा सकता है।
—–
——- साहस, सावधानी और अनुभव से किया रेस्क्यू
एनडीआरएफ की अलग अलग टीमों ने लगातार दो दिनों तक साहस, सावधानी और अपने लंबे अनुभव के आधार पर अभियान चलाकर रास्ता भटके कुल सात लांच को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाया है। बल इस तरह के अभियान के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित है।