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कोलकाता

गो दान सबसे बड़ा दान है: साध्वी दीदी

गो माता कई गुणों की खान है। हमें अपने घरों में किसी भी शुभ कार्य शुरू करने से पूर्व गौमूत्र का छिडक़ाव करना चाहिए, इससे हमारे पितृ हमसे प्रसन्न होते हैं और हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। 7 दिवसीय गो कृपा महोत्सव के रजत जयंती समारोह के पांचवें दिन शनिवार को श्रद्धा गोपाल दीदी ने गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए ये उद्धगार व्यक्त किए।

कोलकाताJan 13, 2019 / 04:56 pm

Jyoti Dubey

Kolkata, West Bengal, India

गो दान सबसे बड़ा दान है: साध्वी दीदी

हावड़ा. गो माता कई गुणों की खान है। हमें अपने घरों में किसी भी शुभ कार्य शुरू करने से पूर्व गौमूत्र का छिडक़ाव करना चाहिए, इससे हमारे पितृ हमसे प्रसन्न होते हैं और हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। गोमाता को दिखावे के लिए नहीं बल्कि हृदय से पूजना चाहिए, इसी से उनकी कृपा व आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। 7 दिवसीय गो कृपा महोत्सव के रजत जयंती समारोह के पांचवें दिन शनिवार को श्रद्धा गोपाल दीदी ने गौ भक्तों को सम्बोधित करते हुए ये उद्धगार व्यक्त किए।

आयोजक केशरदेसर जाटान गोशाला सेवा समिति (बीकानेर) और संचालक माहेश्वरी सेवा परिषद के तत्वावधान में हावड़ा के लक्ष्मी विलास गार्डेन, हावड़ा हाउस में 14 जनवरी तक चलने वाली गौ कथा में साध्वी ने कहा कि माता-पिता को अपनी बेटियों के कन्यादान में गो दान करना चाहिए। गो दान सबसे बड़ा दान है। जो मनुष्य शादी में दहेज लेते हैं वे मंदिर के बाहर अपनी जरूरतों के लिए हाथ फैलाने वाले भिखारियों से भी गए-गुजरे होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में ज्यादा बोलने वालों की तुलना में शांत रहने वाले व्यक्तियों को ज्यादा सम्मान दी जाती है। ठीक उसी तरह जिस प्रकार शांत रहने वाली 2 रुपए की बिंदी को सर पर लगाया जाता है और हमेशा छन-छन करने वाली हजारों रुपए की पायल को पैरों में पहना जाता है। दीदी ने कहा कि त्रेता युग में ईश्वर को पाने हेतु 12-12 सालों तक लोगों को तपस्या व पूजा-पाठ करना पड़ता था, मगर इस कलियुग में महज 12 मिनट की प्रार्थना से ईश्वर प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए उनकी कृपा पाने के लिए जब भी उन्हें स्मरण करे पूरी निष्ठा के साथ करें।

समारोह में कालीराम डीग्गा, प्रयागचंद मूंधड़ा, गोहरलाल कोठारी, श्रवण राठी, श्रीकिशन झंवर, बृजमोहन बाहेती, मुरलीधर करनानी, महावीर पेड़ीवाल, पूरन केडिया, बाबूलाल मोहता, पवन कुमार ओझा को सम्मानित किया गया। वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रयागचंद चांडक(संस्थापक), जुगलकिशोर चांडक(संयोजक), मनोज झंवर, नितिन बाहेती, जगदीश चांडक, संजय चांडक, किशन चांडक, पवन चांडक, मदन सोमानी, रौनक करनानी, बबिता मूंधड़ा, दिव्या मूंधड़ा, इषिका बाहेती, निशा बाहेती, सरोज राठी व अन्य कार्यकताओं ने अहम भूमिका निभाई। वहीं कार्यक्रम का संचालन रमेश राठी ने किया।

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