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कोरोना का असर- अब लोगों को घेर रही यह बीमारियां- डिप्रेशन का भी हो रहे शिकार

मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिलने पर वे कमजोर होने लगती है। ऐसे में सबसे पहले याददाश्त प्रभावित होती है। कुछ लोगों में आईसीयू और अस्पताल आदि के माहौल और सामाजिक स्थितियों लॉकडाउन आदि से भी भय व्याप्त हो जाता है, और उनकी मानसिक स्थिति में बदलाव हो जाता है।

कोलारOct 19, 2021 / 04:27 pm

Subodh Tripathi

कोरोना का असर- अब लोगों को घेर रही यह बीमारियां- डिप्रेशन का भी हो रहे शिकार

कोरोना का असर- अब लोगों को घेर रही यह बीमारियां- डिप्रेशन का भी हो रहे शिकार

भोपाल. कोरोना महामारी के केस भले ही दिन ब दिन कम होते जा रहे हैं। लेकिन कोरोना की दूसरी लहर के कहर ने लोगों की मानसिक स्थिति बदल दी है। क्योंकि दूसरी लहर में लोगों ने अपनों को खोया है वहीं कई लोगों ने तो खुद अस्पतालों में रहकर बीमारी से जूझे हैं, वहीं उन्होंने लोगों को एक एक सांस के लिए भी परेशान होते देखा है, यही कारण है कि उन्हें घर आने के बाद मानसिक बीमारियों ने जकड़ लिया है। विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना के बाद मानसिक बीमारियों में करीब 30 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इसमें कुछ लोग अजीबो गरीब मानसिक बीमारियों से पीडि़त हो रहे हैं।


गांधी मेडिकल कॉलेज के मानसिक रोग विभाग के रिटायर्ड अध्यक्ष डॉ आरएन साहू के अनुसार कोरोना काल में लोगों में फोबिया, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी बीमारियां ज्यादा बढ़ गई है। क्योंकि पहले की अपेक्षा अब ३० प्रतिशत तक मानसिक रोगी बढ़ गए हैं। कोरोना वायरस फेंफड़ों पर हमला करता है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती है। और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। ऐसी स्थिति में मरीज के मस्तिष्टक में भी ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन नहीं मिलने पर वे कमजोर होने लगती है। ऐसे में सबसे पहले याददाश्त प्रभावित होती है। कुछ लोगों में आईसीयू और अस्पताल आदि के माहौल और सामाजिक स्थितियों लॉकडाउन आदि से भी भय व्याप्त हो जाता है, और उनकी मानसिक स्थिति में बदलाव हो जाता है।


केस 1. वैशाली नगर निवासी उमेश को अप्रैल माह में कोरोना हुआ था, उसके बाद से वे दिन में कम से कम 50 बार से अधिक हाथ धोते हैं, जब भी उनका हाथ कहीं टच हो जाता है, तो उन्हें तब तक चैन नहीं आता, जब तक की वे साबुन से हाथ नहीं धो लें। उनकी जब यह प्रवृत्ति बढ़ गई तो परिजनों ने उन्हें डॉक्टरों को दिखाया, मनोचिकित्सक ने इसे एक मानसिक विकार बताया है।


केस 2. कोलार रोड निवासी आकाश को कोरोना होने के बाद नहाने की आदत पड़ गई है। जो लगातार बढ़ती जा रही है, वे दिन में 10 से 15 बार नहाते हैं, पहले वे जब कहीं बाहर जाते थे, तभी नहाते थे, लेकिन अब उन्हें घर पर रहने पर भी थोड़ी थोड़ी देर में नहाने की इच्छा होती है। जब तक वे नहा नहीं लेते हैं, उन्हें चैन नहीं मिलता है। इनका मनोचिकित्सक से उपचार कराया जा रहा है।


केस 3. बैरागढ़ निवासी प्रशांत को कोरोना होने के बाद से घबराहट और भूलने की बीमारी होने लगी है, वे एक दिन पहले कोई चीज कहीं रख देते हैं, तो उन्हें अगले दिन याद नहीं रहता है, वे कई काम भी भूल जाते हैं, इसलिए उन्हें अपने साथ एक डायरी रखनी पड़ रही है, जिसमें वे सब चीजें लिखकर रखते हैं, डॉक्टर से इलाज के बाद उनकी स्थिति में सुधार आ रहा है।

मानसिक बीमारियों से बचने यह करें उपाय


-योग और ध्यान को अपनाएं और नियमित अभ्यास करें।
-ऐसी डाइट लें जिसमें प्रोटीन, मिनरल, विटामिन और पौष्टिक तत्व शामिल हों।
-सिगरेट और शराब से दूरी बनाकर रखें।
-अपनी रूचि के काम करें, और खुश रहने की कोशिश करें।
-अपने परिवार के साथ समय बीताएं और तनाव से दूर रहें।
-अपना पसंदीदा संगीत सुनें और वाद्य यंत्र बजाएं और अच्छी किताबें पढ़ें।

यह लक्षण नजर आएं तो करवाएं जांच


-डॉक्टर साहू के अनुसार जब कोई व्यक्ति एक ही चीज को बार बार दोहराए, सामान्य से अलग व्यवहार करे, अकेला रहना पसंद करें, किसी से बात करने में रूचि नहीं लें, निराशा भरी बातें भी करें तो समझना कि उसे कोई मानसिक बीमारी है, आजकल बच्चों में भी मानिसक बीमारी बढ़ रही है, अगर इस प्रकार के लक्षण किसी में नजर आएं तो उसे तत्काल चिकित्सक को दिखाना चाहिए।

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