अब एआई की मदद से विचार और समाचार प्रसारित करेगी माकपा
कभी देश में कंप्यूटर का विरोध करने वाली माकपा अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेने जा रही है। एआई की मदद से माकपा अपने विचार, समाचार और योजना के बारे में प्रसारित करेगी। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से समाचार वाचिका या संचालिका को बनाया है। जिसका नाम समता रखा गया है। अब यह समता माकपा की खबर पढ़ेगी। हालाँकि, माकपा सूत्रों के अनुसार, एआई संचालिका मुख्य रूप से अंग्रेजी में समाचार पढ़ेगी।
अब एआई की मदद से विचार और समाचार प्रसारित करेगी माकपा
खबर पढ़ने को बनाया संचालिका, नाम रखा समता
पहला एपिसोड पार्टी के सोशल मीडिया पेज पर किया जाएगा अपलोड
कभी देश में कंप्यूटर का विरोध करने वाली माकपा अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेने जा रही है। एआई की मदद से माकपा अपने विचार, समाचार और योजना के बारे में प्रसारित करेगी। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से समाचार वाचिका या संचालिका को बनाया है। जिसका नाम समता रखा गया है। अब यह समता माकपा की खबर पढ़ेगी। हालाँकि, माकपा सूत्रों के अनुसार, एआई संचालिका मुख्य रूप से अंग्रेजी में समाचार पढ़ेगी। बहुत जल्द ही समता का पहला एपिसोड राज्य माकपा के फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया जाएगा। माकपा के आईटी सेल ने अंग्रेजी में समाचार पढ़ने की व्याख्या करते हुए कहा कि बंगाल की राजनीतिक स्थिति और उस पर पार्टी के बयान को अखिल भारतीय स्तर पर पहुंचाने के लिए यह योजना बनाई गई है। शो की थीम ‘फोकस ऑन बंगाल’ है। माकपा सूत्रों के मुताबिक, वे जल्द ही महिला संचालक के बाद पुरुष संचालक को पेश करेंगे। अभी तक उनका नाम नहीं रखा गया है।
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तकनीक के उपयोग पर पार्टी में मतभेद भी
समाचार प्रसारण में एआई तकनीक का उपयोग क्यों किया जाना चाहिए, इस पर माकपा के भीतर भी मतभेद हैं। कुछ लोग नई तकनीक का उपयोग अपना रहे हैं। अन्य लोग विरोध में आगे आए हैं। पार्टी के राज्य सचिवालय के सदस्य पलाश दास ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में प्रचार की शैली में विकास हुआ है। चाहे वो किसी प्रोडक्ट का प्रमोशन हो या फिर राजनीति। हमने हमेशा नई चीजों को अपनाया है और अपनी सर्वोत्तम क्षमता से उसका उपयोग किया है। हमारे पास दूसरों की तरह इलेक्टोरल बांड का पैसा नहीं है, लेकिन योग्यता है।
माकपा की राज्य समिति के एक सदस्य ने व्हाट्सएप ग्रूप में लिखा कि यह अजीब बात किसके दिमाग से आई? बाद में उन्होंने इस टेक्स्ट को डिलीट कर दिया।
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काम करने पर होगी अच्छे-बुरे की चर्चा
राज्य माकपा पूरे मामले को तकनीक के इस्तेमाल के नजरिये से देखना चाहती है। यह सवाल पहले ही उठाया जा चुका है कि क्या एआई नौकरियों को निगल जाएगा। उस संदर्भ में, माकपा पेज पर एआई के उपयोग पर बहस की गुंजाइश है। माकपा नेता साफ कह रहे हैं कि अभी ऐसी स्थिति नहीं बनी है। एआई का उपयोग मुख्य रूप से मनोरंजन जगत में होता है। इस मामले में भी पूरी बात टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के नजरिए से ही देखी जा रही है। पिछले कुछ वर्षों में, राज्य माकपा ने सोशल मीडिया के लिए एक टीम बनाई है। राज्य माकपा ने भी अपने दस्तावेज में उनके विभिन्न कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा की। लेकिन ये भी सच है, कुछ कार्य को लेकर पार्टी में विवाद भी खड़ा हो गया है। इस संबंध में राज्य माकपा के एक शीर्ष नेता ने कहा कि आप काम करेंगे, तभी अच्छे-बुरे की चर्चा होगी। पहले यह पहल रुकी हुई थी। अब एक सजीवता पैदा हो गई है। युवकों का एक समूह बिना वेतन के काम कर रहा है।
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