सिलोरा रोड स्थित ट्रेंचिंग ग्राउंड परिसर में करीब 40 साल से कचरा फेंका जा रहा है। प्रतिदिन करीब 72 टन यहां कचरा फेंका जाता है। यहां औसतन 1 लाख 70 हजार टन से अधिक कचरा पड़ा हुआ है।
डीएलबी स्तर पर हुआ ठेका डीएलबी स्तर पर अपशिष्ट कचरा प्रबंधन का 18 महीने का 6 करोड़ रुपए का ठेका पंजाब की एक कम्पनी को दिया गया है। कम्पनी ने कचरे के निस्तारण के लिए यहां प्लांट भी स्थापित कर दिया है। अभी हाल ही में इस प्लांट का शुभारंभ कर अपशिष्ट कचरा प्रबंधन कार्य भी शुरू कर दिया गया। यदि ठेका कम्पनी यहां प्रतिदिन 8 घंटे मशीन चलाती है तो 1 हजार टन कचरे का निस्तारण होगा।
पृथक होंगे खाद, कांच, लोहा, प्लास्टिक और अन्य वस्तुएं अपशिष्ट कचरे का निस्तारण पूरी तरह से आधुनिक मशीनों से किया जा रहा है। स्व चलित मशीनों से कचरे से खाद, लोहा, कांच, प्लास्टिक, जूते चप्पले, मिट्टी व पत्थर अलग-अलग होंगे और इन सभी के अलग-अलग ढेर लगेंगे। इसके बाद इन वस्तुओं का परिषद प्रशासन स्तर पर निस्तारण किया जाएगा।
खाद का होगा इस्तेमाल, मिलेगा राजस्व अत्याधुनिक मशीनों से गीले कचरे से खाद तैयार होगी। परिषद प्रशासन इस खाद का इस्तेमाल सार्वजनिक पार्कों एवं पेड़ पौधों में करेगा। साथ ही सस्ती दरों पर किसानों को भी बेचा जाएगा।
इनका कहना है…. एनजीटी की गाइड लाइन की पालना की जा रही है। ट्रेंचिंग ग्राउंड में अपशिष्ट कचरा प्रबंधन कार्य शुरू कर दिया गया है। इससे अच्छी क्वालिटी की खाद उपलब्ध होगी। इस खाद को पार्कों इत्यादि में डाला जाएगा। साथ ही सस्ती दरों पर किसानों को भी बेची जाएगी।
-धर्मपाल जाट, आयुक्त, नगर परिषद, किशनगढ़।