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दम्पती ने पुलिस को बताया कि जीवणराम बदनीयती से उनके घर में प्रवेश करता था। जीवणराम की इन हरकतों की वजह से पुष्पा और भागचंद परेशान थे। गत 29 अगस्त की मध्यरात्रि करीब 2 बजे जब जीवणराम उनके घर में घुसा तो दम्पती ने जीवणराम को पकड़ लिया और मारपीट की। उसके बाद गला घोंटकर जीवणराम की हत्या कर दी। हत्या को आत्महत्या की शक्ल देने की मंशा से शव के गले में फंदा बांध कर अपने ही घर पर कमरे में पंखे के लटका दिया। फिर बाहर से कमरे का दरवाजा बंद कर दिया।
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हत्या के बाद बेटे को किया फोन
हत्या के बाद भागचंद ने मुकेश को फोन कर बताया कि उसके पिता ने उनके घर में फांसी लगा ली है। सूचना मिलने पर मुकेश पहुंचा तो वहां पुलिस भी मौजूद मिली। मुकेश ने रिपोर्ट में बताया कि उसके पिता की लाश को फंदे पर लटकते देखा तो रस्सी का एक सिरा गले में बंधा हुआ था और दूसरा सिरा पंखे के कुंदे में डाल कर दुबारा गले में बंधा दिखा। लाश को फंदे से नीचे उतार कर हॉस्पिटल लेकर गए तो डॉक्टरों ने शारीरिक परीक्षण के बाद मृत घोषित कर दिया और शव को हॉस्पिटल के चीरघर में रखवा दिया गया।