जनकपुरधाम से विदा होकर भगवान मिथिला बिहारी एवं किशोरी जी की डोली ने गाजे बाजे व सीताराम जयघोष के साथ भारत के वैशाली की ओर प्रस्थान किया। यह मध्यमा परिक्रमा मेला यात्रा मिथिला क्षेत्र से जुड़े भारत नेपाल के प्रसिद्ध पंद्रह देव स्थलों का भ्रमण 15 दिनों में करती है। सभी देव स्थलों की अलग अलग परंपराएं हैं। यह परिक्रमा मेला 15 दिनों में तीन तरह से पूरा किया जाता है। वृहत पंद्रह दिन, मध्यमा पांच दिन, लघु चौबीस घंटा।
मिलता है मोक्ष…
शास्त्रों के अनुसार मनुष्य जीवन में कम से कम एक बार परिक्रमा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। प्रत्येक विश्राम स्थल पर भगवान की डोली की ठहरने की अलग व्यवस्था होती है। करीब डेढ़ सौ किमी पैदल भ्रमण करने के बाद अंतिम दिन जनकपुरधाम में पांचकोशी परिक्रमा होती हैं।