सुबह करीब 11 बजे शुरु हुआ प्रदर्शन देरशाम तक चलता रहा। यहां समाजजनों एवं परिजनों को समझाइश के लिए खरगोन सीएमएचओ डॉॅ. रजनी डावर पहुंची। उन्होंने परिजनों एवं समाजजनों का आश्वस्त किया कि वे लापरवाही बरतने वाले स्टॉफ के खिलाफ सख्त एक्शन लेंगी। सीएमएचओ ने भी धरना खत्म करने की बात कही, लेकिन समाजजन स्टॉफ एवं चिकित्सकों को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे। शाम करीब 5 बजे तक धरना चला। सुनवाई नहीं होने पर बाद में समाजजन कलेक्टोरे भी पहुंचे।
धरने के दौरान पाटीदार समाज के नत्थु पाटीदार, नटवर पाटीदार, गोरू पाटीदार आदि ने कहा यह आज एक पीडि़त की बात नहीं है। यदि समय रहते लापरवाही पर रोक नहीं लगे तो आगे और किसी के साथ ऐसी घटना घटित हो सकती है। महेश पाटीदार ने सीएमएचओ से कहा आप सख्त एक्शन लें, जिससे प्रदेश में संदेश जाए कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पीडि़त सावन पाटीदार ने सीएमएचओ को बताया उन्होंने पत्नी पूजा का 9 माह के दौरान डॉ. महेंद्र बड़ोले से समय-समय पर उपचार कराया था। प्रसव पीड़ा के बाद उन्होंने ही 21 अक्टूबर की रात 9 बजे भर्ती कराने की सलाह भी दी। इसके बाद भर्ती कराने पर कोई चिकित्सक देखने नहीं आया, पूजा दर्द से कराहती रही। इस पर उन्होंने मौजूद स्टॉफ से गुहार लगाई कि किसी भी चिकित्सक को बुलाकर सीजर से प्रसव करा दो लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। डॉ. बड़ोले को भी फोन लगाया उन्होंने दो टूक कहा कि मेरी ड्यूटी नहीं है मैं नहीं आऊंगा। इसके बाद तड़के डॉ. इंदिरा गुप्ता पहुंची उन्होंने पहले सीजर रूम में पूजा को बुलाया इसके बाद जांच कर कह दिया कि नार्मल प्रसव हो जाएगा, लेकिन सुबह 6 बजे जब प्रसव हुआ तो, उन्होंने बच्चे के मृत होने की जानकारी दी। सावन ने आरोप लगाया कि यदि समय पर ऑपरेशन से प्रसव कराया जाता तो उनकी नवजात बच्ची बच जाती।
धरने में शामिल ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पूर्णा ठाकुर ने कहा केंद्र एवं प्रदेश की सरकार जहां प्रदेश के मेडिकल कॉलेज स्थापित कर जिलों में बेहतर चिकित्सा सेवाओं के दावे कर रही है वहीं, जिला अस्पताल में स्टॉफ एवं डॉक्टरों की लापरवाही के आरोप थमने का नाम नहीं ले रहे। रोजाना रुपए मांगने या समय पर इलाज नहीं मिलने की शिकायतें आ रही हैं। शासन की अनदेखी के चलते जिले सहित प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है।
आईसीयू में गलत इलाज से बच्चे की मौत का आरोप
धरने के दौरान अन्य मरीजों के परिजन भी सीएमएचओ के सामने शिकायतें लेकर पहुंच गए। दयालपुरा पीपरी के रविंद्र केवट ने सीएमएचओ को बताया उनकी पत्नी प्रियंका को 21 अक्टूबर को प्रसव के लिए भर्ती कराया था, यहां 22 को ऑपरेशन से बालक का जन्म हुआ। इसके बाद बच्चे को आईसीयू में रखा गया। जन्म के दौरान उन्हें बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है, लेकिन 3 घंटे बाद कह दिया कि बच्चे की सांस नहीं चल रही है, वह अब नहीं रहा। रविंद्र ने आरोप लगाया कि आईसीयू में गलत उपचार से उनके बच्चे की जान गई।
इसी तरह कोटबेडा के रामू ने कहा कि उनकी पत्नी सुनीता को 21 अक्टूबर से प्रसव के लिए भर्ती कराया था। शनिवार को तीसरा दिन है। इसके बाद भी उसका न तो उपचार कराया जा रहा है, न ही उसे प्रसव हुआ। स्टॉफ रोजाना उन्हें यहां से वहां दौड़ा रहे।
लापरवाही की शिकायत पर सिविल सर्जन से प्रस्ताव मांगा है। प्रस्तावित दोषियों पर जांच के बाद एक्शन लिया जाएगा। डॉ, रजनी डावर, सीएमएचओ खरगोन।