महाराष्ट्र व गोवा में आदिवासियों को बंधुआ बनाकर 15-15 घंटे कराया रोड निर्माण, नहीं दी मजदूरी
गोवा के ठेकेदार से मजदूरी दिलाने की गुहार लेकर कलेक्ट्रैट पहुंचे अदिवासी मजदूर
Tribal laborers gave memorandum to the Governor
खंडवा. महाराष्ट्र व गोवा के दो दलाल खालवा ब्लॉक के तीन गांवों से 35 महिला-पुरुष मजदूरों को रोड निर्माण कंपनी में काम के लिए ले गए थे। महिलाओं को 400 व पुरुषों को 500 रुपए प्रतिदिन मजदूरी देने की बात कही गई थी। 10 घंटे काम कराने का वादा भी किया था। गोवा पहुंचने के कुछ दिन बाद ही धमकी देकर हमसे 15-15 घंटे काम कराया गया। रोजाना खर्च भी बमुश्किल दिया गया। हम जैसे-तैसे अपने गांव पहुंचे हैं। रोड निर्माण ठेकेदार से हमेें तीन लाख रुपए से अधिक की मजदूरी लेना है। कंपनी व दोनों दलाल पर अपराधिक केस दर्ज कर हमें मजदूरी दिलाई जाए। आदिवासी ब्लाक खालवा के ग्राम जामन्या कला, जमनापुर तथा उदयापुर के मजदूरों ने सोमवार को प्रदेश के राज्यपाल के नाम हरसूद एसडीएम को दिए ज्ञापन में यह मांग की है। मजदूरों ने बताया तीन गांवों से 25 पुरुष व 10 महिलाएं मजदूरी करने गए थे। गोवा की राज्य रोड कंपनी श्री सेवालाल कांट्रेक्ट्रर व एम इब्राहिम एंड लतीफ कंपनी के कुंडलिक दामू लवटे निवासी निजामपुर (सोलाहपुर महाराष्ट्र) तथा प्रकाश धवन निवासी गोवा हमारे गांव आकर 15 नवंबर 2021 को हमें ले गए थे। हमसे 10 घंटे काम कराने और महिला को 400 तथा पुरुषों को 500 रुपए प्रतिदिन मजदूरी का वादा किया था। एक सप्ताह बाद ही इन लोगों ने हम पर दबाव बनाकर 15-15 घंटे काम कराना शुरू कर दिया। हमें भोजन व आराम का समय भी नहीं मिलता था। इतना ही नहीं साप्ताहिक खर्च देने में भी आनाकानी की जाती रही। हमें बंधक बनाकर कहीं आने-जाने नहीं दिया जाता था। हमें साप्ताहिक खर्च में से ही बचत कर घर लौटना पड़ा। ठेकेदार पर हमारी मजदूरी 3.37 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। राज्यपाल महोदय से आग्रह है कि दोनों रोडरेज कंपनी के साथ हमें ले जाने वाले दोनों दलालों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कर दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ हमें मजदूरी का भुगतान कराया जाए। ज्ञापन की प्रति गृहमंत्री, म.प्र. राज्य मानवाधिकार आयोग, अध्यक्ष अजजा प्रकोष्ठ भोपाल, कलेक्टर, एसपी खंडवा को भी भेजी गई है। सोमवार को मजदूरों के साथ आदिवासी कोरकू कल्याण समिती के खंडवा खालवा इकाई के सदस्य, महेंद्र कुमार बढ़ाई, मंगेश सिलाले, बंशंत यादव, रमेश युवने, अखीलेश साठे, संजय सिलाले, विनोद सिलाले, महेश पालवीय , मुकेश दरबार, दिनेश अंखंडे, रामाधार मार्को जनपद सदस्य सभी ने मिलकर नायब तहसीलदार नया हरसूद को ज्ञापन सौंपा
पेट की खातिर जाना मजबूरी
पीडि़त मजदूरों ने बताया हमारे गांवों में रोजगार का कोई साधन नहीं है। हमारे पास खेती-बाड़ी भी नहीं है ताकि हम परिवार का भरण-पोषण कर सकें। काम नहीं मिलने से बाहरी जिलों व प्रदेशों में काम के लिए जाना हमारी मजबूरी हो जाती है। इसी का लाभ ठेकेदार व दलाल उठाकर हमारा शोषण करते हैं।
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