निमाड़ के खंडवा और खरगोन क्षेत्र में कपास का सबसे ज्यादा रकबा है। खंडवा में 55 हजार हेक्टेयर और खरगोन में 2.10 लाख हेक्टेयर रकबे में कपास होता है। वर्तमान में कई किसान निजी संस्थाओं के माध्यम से ऑर्गेनिक कॉटन लगा रहे है। खंडवा में ऑर्गेनिक कॉटन के किसानों की कोई जानकारी कृषि कल्याण विभाग के पास नहीं है। वहीं, खरगोन में बायो-रे और आगा खान संस्था द्वारा करीब दो हजार किसानों से दो हजार हेक्टेयर में ऑर्गेनिक कॉटन की खेती कराई जा रही है। हालांकि ऑर्गेनिक कॉटन की खेती किन क्षेत्रों और किन किसानों द्वारा की जा रही है, इसकी जानकारी खरगोन डीडीए कार्यालय को भी नहीं है। उल्लेखनीय है कि आगा खान संस्था खंडवा जिले में भी सक्रिय है।
खंडवा जिले में वर्तमान में ऑर्गेनिक कॉटन का कोई किसान नहीं है। किसी संस्था ने इसकी जानकारी भी नहीं दी है। अगले खरीफ सीजन के लिए जरूर खंडवा क्लस्टर को एक हजार हेक्टेयर ऑर्गेनिक कॉटन का लक्ष्य मिला है।
केसी वास्कले, उपसंचालक कृषि खंडवा
बायो-रे और आगा खान संस्था द्वारा दो हजार हेक्टेयर में ऑर्गेनिक कॉटन की खेती कराई जा रही है। संस्थाओं से हमने किसानों की सूची मांगी है, लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गई है। तीन साल ऑर्गेनिक खेती करने के बाद प्रमाण पत्र दिया जाता है।
प्रकाश ठाकुर, एडीए कृषि कल्याण विभाग खरगोन