सांसद चौहान ने आपातकाल का भी जिक्र किया। बोले- आतंक से सरकारें नहीं चलती। एक दौर में आपातकाल लगाया था। उस समय आतंक के बल पर सरकार में आने की कोशिश की थी, सफल नहीं हुए। 15 महीने में कमलनाथ ने भी वही किया। उसका फल उन्हें मिल गया।
नसीहत देते हुए कार्यकर्ताओं से सांसद चौहान ने कहा कि विधायक पद से इस्तीफा देकर और कांग्रेस छोड़कर जो हमारे परिवार में जुड़े हैं। उन्होंने अपना घर फूंक दिया, उसे आग लगा दी। इस घर में रहने के भाव से आए हैं, उनकी शान बढ़ाना है। ये छोटी घटना नहीं है। इसने मप्र का रंग व फिजा बदल दी। नहीं तो पटवारी भी नहीं सुनता था, भाजपा वाले सब पतली गली से निकल जाते थे। आज सरकार का जलवा है। ये बनान में इन लोगों का योगदान है।