आपको बता दें कि, इस विवाद का कारण ये है कि, कुछ दिन पहले ही ईसाई मिशनरियों की ओर से आनंद नगर स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के बच्चों के साथ शहर में पर्यावरण जागरूकता को लेकर रैली निकाली थी। इस दौरान स्कूल की ओर से शहर के नगर निगम तिराहे पर नुक्कड़ नाटक भी आयोजित किया था। हालांकि, उस नाटक के दौरान ही, मिशनरी स्कूल के आयोजकों और भाजपा नेताओं के बीच बहस भी हो गई थी। बहस की वजह ये थी कि, नुक्कड़ नाटक के जरिए स्कूली छात्र लोगों को पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हुए लोगों से दिवाली पर पटाखे न फोड़ने की अपील की जा रही थी। बच्चों द्वारा कहा जा रहा था कि, इस दिवाली आतिशबाजी के लिए ग्रीन पटाखे ही फोड़ें।
विरोध स्वरूप स्कूल में आतिशबाजी
मिशनरी स्कूल द्वारा कराए गए नुक्कड़ नाटक के बाद से ही हिंदू संगठनों में उनके प्रति आक्रोश पनप रहा था। उस आक्रोश की आग दिवाली के दिन उसी क्रिश्चियन स्कूल के बाहर निकली, जिसके प्रबंधन और छात्रों ने पटाखे फोड़े जाने का विरोध पर्यावरण की दुहाई देकर किया था। हिंदू संगठनों ने काफी देर तक आतिशबाजी की गई। इस दौरान ईसाई मिशनरी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके नुक्कड़ नाटक का विरोध भी किया गया। साथ ही, संगठन के नेताओं द्वारा चेतावनी भी दी गई कि, अगर आगे से ऐसी कोई गतिविधि की गई तो अंजाम ठीक नहीं होगा।