उत्सव के पहले दिन रविवार को सुबह से देर शाम तक 30 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। शहर सहित अन्य जिलों से पहुंचे श्रद्धालुओं ने दो हजार से अधिक निशान दादाजी को अर्पित किए। मंगलवार को उत्सव का मुख्य दिवस है। इस दिन दादा दरबार में भक्तों का सैलाब उमड़ेगा और 108 दीपों से महाआरती होगी। दादाजी के जयकारों के साथ ढोल-नगाड़े की धुन पर श्रद्धालु भक्ति में झूमेंगे। चार दिनों में करीब पांच लाख श्रद्घालुओं के समाधि पर दर्शन करने की संभावना है।
इधर, रविवार को सुबह से ही निशान लेकर श्रद्धालु दरबार पहुंचने लगे, जो सिलसिला देर रात तक चलता रहा। नंगे पैर हाथों में निशान लिए श्रद्धा से भरे गुरुभक्त उत्साह में नजर आए। बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए रास्तेभर लोगों ने सेवा की।
ढोल-नगाड़ों की थाप पर झूमते हुए दादाजी दरबार पहुंचे भक्त
गुरुपूर्णिमा महोत्सव शुरू होते ही दादाजी दरबार आस्था के उजाले से जगमगा उठा है। गुरु के प्रति आपार आस्था मन में लिए हजारों श्रद्धालु सैकड़ों किमी की दूरी तय कर दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचने लगे हैं। रविवार को सुबह से ही दरबार में निशान चढ़ाने और दादाजी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी, जो लगातार देर रात तक जारी रही। इस दौरान अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों ने निशान अर्पित किए। ढोल-नगाड़ों की थाप पर गुरु के रंग में रंगे भक्त झूमते हुए मुख्य मार्गों से गुजरे। इस समय पूरा शहर भजलो दादाजी का नाम, भजलो हरिहरजी का नाम और दादाजी के जयकारों से गूंज उठा। वहीं दूसरी ओर दादाजी भक्तों की सेवा के लिए शहरवासियों ने भंडारों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। कई प्रकार के पकवान तैयार किए जा रहे हैं। सोमवार से भंडारे शुरू होंगे जो बुधवार तक लगातार चलेंगे।
दादाजी पहुंच मार्गों पर भीड़ अधिक होने से पुलिस प्रशासन द्वारा जगह-जगह बेरीकेड्स लगाकर ट्रैफिक कंट्रोल किया जा रहा है। रविवार को भी दादाजी मार्ग पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। पर्व के चलते सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन द्वारा श्रीदादाजी दरबार के सामने कंट्रोल रूम तैयार किया जा चुका है। कंट्रोल रूम पर एसडीएम, तहसीलदार, निगमायुक्त सहित पुलिस अफसर ड्यूटी देते नजर आए।
आज से शुरू होंगे भंडारे, जो तीन दिन चलेंगे
पर्व शुरू होते ही पूरा शहर दादाजी भक्तों की मेजबानी के लिए तैयार हो गया है। शहर सहित आसपास के ग्रामों में भंडारे लगाना शुरू कर दिया है। शहर में 400 से अधिक स्थानों पर भंडारे चलेंगे। भंडारों में भक्तों को जलपान, दूध, चाय, ब्रेड, पोहा-समोसा, आलू बड़ा, पकौड़े, साबूदाने की खिचड़ी, केसरिया जलेबी, इमरती, मावा बाटी, हलवा के साथ ही बैठकर भोजन कराया जाएगा। पूड़ी-सब्जी, दाल-चावल, दाल-बाटी, चूरमा, कढ़ी आदि भंडारों के माध्यम से दादाजी भक्तों को प्रसादी के रूप में दिया जाएगा। खंडवा में प्रवेश करते ही दादाजी मंदिर तक पहुंचने के लिए कुछ भक्त नि:शुल्क ऑटो, बस और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। दादाजी भक्तों के ठहरने के लिए शहर में समाज की सभी धर्मशालाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।