ये है पूरा मामला
दरअसल, 3 दिन पहले रेंजर नरेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ अतिक्रमण रोकने बीट भिलाईखेड़ा पहुंचे थे। वन विभाग की टीम को आता देख मौके से जुताई कर रहा चालक अपना कल्टीवेटर छोड़कर भाग गया। वन विभाग कल्टीवेटर जब्त कर अपने साथ ले जाने लगे। इसी बीच दोपहर 2 बजे करीब 30-35 महिलाओं ने वन विभाग की टीम पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। उन्होंने पीछे चल रहे कर्मचारी एवं अधिकारियों को घेर लिया और उनके साथ मारपीट करने लगीं। महिलाओं ने वन अमले को धमकी दी कि वह यहां से चले जाए नहीं तो वह उन्हें जान से मार देंगे। इस हमले में कुछ वन रक्षकों की वर्दी तक फाड़ दी गई। यही नही दो वन रक्षकों के शरीर पर डंडे और नाख़ून मारने के निशान भी मिले है। यह भी पढ़े – भतीजे ने की चाची की बेरहमी से हत्या, बच्ची को चांटा मारने की बात पर शुरु हुआ था विवाद दर्ज नहीं हो रही एफआईआर
इस घटना को लेकर पिपलोद थाने में शिकायत की गई, लेकिन अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। रेंजर नरेंद्र सिंह का कहना है कि हमले के कुछ देर के बाद ही उन्होंने थाने में शिकायत की थी और अगले दिन कुछ महिलाओं के नाम तक दे दिए थे लेकिन इसके बाद भी मामले में अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। वहीं, थाना प्रभारी एसएन पांडे ने कहा है कि शिकायत को लेकर उन्हें आवेदन मिला है जिसकी जांच भी चल रही है। इसलिए अब तक इस मामले में किसी तरह की एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।