खंडवा

सर्द में बढ़ी सांस की बीमारी : कार्डियोग्राफी की मशीनें ताले में कैद, डॉक्टर इको, टीएमटी कराने मरीजों को भेज रहे बाहर

मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में लाखों की ईकोकार्डियोग्राफी की दो मशीनें ताले में बंद हैं। इससे अस्पताल में मरीजों को इको और टीएमटी के लिए चिकित्सक रेफर कर रहे है या फिर बाहर भेज रहे हैं। हैरानी की बात यह कि मशीनों को चलाने डीएम कार्डिक ( इको ) चिकित्सक और तकनीशियन तक नहीं हैं। इससे मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। दूसरी ईकोकार्डियोग्राफी मशीन जिला अस्पताल में रखी है।

खंडवाDec 10, 2024 / 03:54 pm

Rajesh Patel

मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में इको व टीएमटी मशीन ताले में कैद

तापमान का पारा 11 डिग्री सेल्सियस से नीचे आने लगा है। इस बीच सांस की बीमारी के साथ ही सीने में दर्द बढ़ने लगा है। ऐसे में अस्पताल में न तो इको और न ही टीएमटी की सुविधा उपलब्ध है। लाखों की मशीनें ताले में बंद हैं। जिम्मेदार कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में इंस्टालेशन के बाद मेडिसिन विभाग के पास रखी मशीन, जिला अस्पताल की मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं होने से मरीज परेशान हैं।

ईकोकार्डियोग्राफी की दो मशीनें ताले में बंद

मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में लाखों की ईकोकार्डियोग्राफी की दो मशीनें ताले में बंद हैं। इससे अस्पताल में मरीजों को इको और टीएमटी के लिए चिकित्सक रेफर कर रहे है या फिर बाहर भेज रहे हैं। हैरानी की बात यह कि मशीनों को चलाने डीएम कार्डिक ( इको ) चिकित्सक और तकनीशियन तक नहीं हैं। इससे मरीजों को सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं। दूसरी ईकोकार्डियोग्राफी मशीन जिला अस्पताल में रखी है। पुराने भवन के 17 नंबर कमरे में ताला बंद कर रखी गई है। मशीन का रजिस्ट्रेशन तक नहीं हो सका है। पंद्रह दिन से सीएमएचओ और सिविल सर्जन रजिस्ट्रेशन के लिए माथापच्ची कर रहे। इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज की मशीन इंस्टालेशन के एक साल बाद भी चालू नहीं हुई।

लाखों की मशीनें, फिर भी नहीं मिल रहा इलाज

लाखों की मशीनें न तो मरीजों के काम आ रही है और न ही चिकित्सा छात्रों को अध्ययन हो पा रहा है। गुलाबी ठंड में हृदय रोगियों की संख्या बढ़ने लगी है। मरीजों को ईको, टीएमटी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। चिकित्सकों का दावा है कि इसीजी की सुविधाएं मिल रही हैं। इको और टीएमटी के लिए मरीजों को रेफर किया जा रहा है।

डीन ने प्रशिक्षण के लिए चार डॉक्टर्स का भेजा प्रस्ताव

मेडिकल कालेज के डीन डॉ संजय दादू ने कालेज के चार चिकित्सकों को ईकोकार्डियोग्राफी की मशीनें चालू करने प्रशिक्षण के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसमें अधीक्षक डॉ रंजीत बडोले, डॉ पंकज जैन, डॉ मोहित, डॉ पूर्वा परिहार के नाम शामिल है। प्रशिक्षण लेने के लिए इंदौर या फिर भोपाल मेडिकल कालेज में चिकित्सक जाएंगे ।

रजिस्ट्रेशन में अटकी जिला अस्पताल की मशीन

जिला अस्पताल की ईकोकार्डियोग्राफी मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सका है। सिविल सर्जन रजिस्ट्रेशन के लिए तकनीशियन को बुलाया है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया लटकी हुई है। दरअसल, मशीन को चलाने के लिए अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। रजिस्ट्रेशन नहीं होने का यह भी कारण है। अस्पताल के अनुसार बुरहानपुर के एक निजी अस्पताल के डॉ गगन ईकोकार्डियोग्राफी करने के लिए तैयार हो गए हैं। डॉक्टर यहां का निरीक्षण भी कर गए। इस मशीन में जांच के लिए पीएम कार्डियो की डिग्री होना जरूरी है। या फिर कोई डॉक्टर इसका प्रशिक्षण लिया हो। लेकिन अस्पताल में इस मशीन को हैंडल करने के लिए कोई नहीं है।

सीने में दर्द बढ़े मरीज, नहीं हो रहा इको, टीएमटी

तापमान 11 डिग्रीसेल्यिस के बीच सर्द बढ़ गई है। शनिवार को मेडिकल सह अस्पताल में इसीजी, इको, टीएमटी कक्ष में ताला लटक रहा है। जनरल सर्जरी विभाग की ओपीडी में मरीजों की कतार लगी रही। जनरल मेडिसिन विभाग में 280 मरीज ओपीडी में पहुंचे। इसमें 53 पुराने मरीज रहे। जबकि जनरल सर्जरी में 73 मरीज पहुंचे। इसमें ज्यादातर मरीज सीने में दर्द वाले शामिल रहे। इन मरीजों को इको, टीएमटी आदि के लिए परेशान होना पड़ा।

इनका कहना … डॉ सुनील बाजोलिया, सहायक अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल, अस्पताल में रूटीन में इसीजी की सेवाएं मिल रही हैं। ईकोकार्डियोग्राफी की मशीन मेडिसिन विभाग को हैंडओवर कर दी गई है। डीन साहब ने अस्पताल के चार डॉक्टर्स को प्रशिक्षण का प्रस्ताव शासन को भेजा है। जल्द प्रक्रिया पूरी होते ही सेवाएं मिलने लगेंगी।
इनका कहना … डॉ संजीव दीक्षित, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल ईकोकार्डियोग्राफी मशीन के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है। पुराने भवन के 17 नंबर में मशीन को रखा गया है। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी होते ही मरीजों को सेवाएं मिलने लगेंगी।

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