बुंदेलखंड में पानी की कमी को कम करना
यह परियोजना बुंदेलखंड में पानी की कमी को कम करने में कारगर साबित हो सकती है। केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट से सालाना लगभग 10.62 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी ट्रांसफर होने की उम्मीद है जिससे बुंदेलखडं के सिंचाई और घरेलू उपयोग के लिए साल भर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इस परियोजना में पाइप सिंचाई प्रणाली अपनाई जाएगी। यह प्रदेश के छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, दमोह, शिवपुरी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर में 8.1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्रदान करेगी जिसका सीधा लाभ 44 लाख से ज्यादा किसानों को मिलेगा। एमपी में हटेंगे पटवारी, होंगे इधर से उधर, बढ़ती शिकायतों के बाद सख्त हुई सरकार
कृषि को बढ़ावा
परियोजना की सिंचाई क्षमता सीधे भारत के कृषि उद्देश्यों से जुड़ी है। ऐसे में यह परियोजना बुंदेलखंड सहित अन्य क्षेत्रों में भी कृषि को बढ़ावा देगी। यह परियोजना किसानों को एकल-फसल खेती (single-crop farming) से बहु-फसल प्रणाली (multi-crop system) में शिफ्ट होने में सक्षम बनाएगी, जिससे सालाना उपज बढ़ेगी। इससे तिलहन और सब्जियों जैसी उच्च मूल्य वाली फसलों की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे किसानों की आय में भी वृद्धि देखने को मिलेगी और ग्रामीण आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह भी पढ़ें
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केन-बेतवा परियोजना का एक बड़ा उद्देश्य लाखों लोगों को स्वच्छ और निरंतर पेयजल उपलब्ध करना भी है। सरकारी आंकलन के अनुसार, इस परियोजना से बुंदेलखंड के 1800 गांवों में लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे पानी से जुड़ी बिमारियों में कमी आएगी। पर्यावरण की भी दृष्टि से यह परियोजना बड़ी गेम चेंजर साबित हो सकती है। परियोजना की नहर प्रणाली ग्राउंड वाटर को बढ़ाने के उद्देश्य से डिज़ाइन की गई है, जिसका बुंदेलखंड के कई हिस्सों में अत्यधिक दोहन किया जा रहा है। यह भी पढ़ें
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