यह भी पढ़ें:
Big incident: गुलदस्ता बनाने के लिए पेड़ से पत्तियां तोड़ रहा था किशोर, अचानक लगा करंट का झटका और हो गई मौत कुकदुर थाना के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेंदुरखार निवासी महासिंह बैगा(40) अपने साथियों के साथ बिजली करंट लगाकर जंगली जानवरों का शिकार करने जंगल गया था। वहीं पर महासिंग बिजली करंट लगने से मौत हो गई। मामले में अन्य साथी न फंस जाए इसलिए उसके शव को मध्यप्रदेश के जंगल में ही दफना दिया। थाना कुकदुर में महासिंह बैगा की गुमशुदगी की रिपोर्ट उनकी पत्नी द्वारा 11 जनवरी 2025 को दर्ज कराई गई। रिपोर्ट के अनुसार महासिंह बैगा 10 जनवरी की रात्रि करीब 8 बजे घर से बिना बताए कहीं चला गया था। रिपोर्ट में पत्नी से आशंका जताई थी कि वह गांव के कई लोगों के साथ गया था बाकी लोग गांव वापस आ गए, लेकिन उनके पति नहीं आए। ऐसे में उनके साथ किसी तरह की अनहोनी न हुई हो। कुकदुर पुलिस ने छानबीन शुरु की। पुलिस करीब छह दिनों तक जंगल में लापता बैगा की तलाश करते रहे।
इसके बाद जो उनके साथ
शिकार के लिए गए थे उनसे पूछताछ किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। 20 जनवरी को सर्चिंग के दौरान गांव के पास के जंगल में लुकछिप रहे दो संदिग्ध संतराम बैगा और हीरालाल बैगा मुखबिर की सूचना पर पकड़े गए। उनसे गहन पूछताछ की गई जिसमें उन्होंने खुलासा किया कि 10 जनवरी की रात को महासिंह बैगा और 10 अन्य लोग जंगली जानवर का शिकार करने की योजना बनाकर जंगल गए थे। उन्होंने अवैध बिजली कनेक्शन के माध्यम से जानवरों का शिकार करने का प्रयास किया। इसी दौरान महासिंह बैगा बिजली के तार की चपेट में आ गए जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
कुकदुर थाना प्रभारी निरीक्षक जेएल शांडिल्य ने बताया कि घटना को छिपाने के उद्देश्य से महासिंह बैगा के शव को जंगल के एक नाले में गाड़ दिया गया। साक्ष्य मिटाने के लिए उस स्थान पर एक मृत गाय का शव रख दिया गया। संदेहियों की निशानदेही पर टीम ने मध्यप्रदेश के बजाग थाना क्षेत्र ग्राम धुरकुटा में घटना स्थल का निरीक्षण किया। सीमावर्ती क्षेत्र मध्यप्रदेश होने के कारण कुकदुर पुलिस व बजाक पुलिस की संयुक्त रूप इसमें कार्रवाई की।
बजाग के तहसीलदार आने बाद दलदल से शव को निकाला गया। पोस्टमार्टम के लिए बजागभेजा गया है। विधिसम्मत कार्रवाई के तहत शव का पंचनामा तैयार किया गया और मामला थाना बजाग को ट्रांसफर किया गया। इस कार्रवाई में प्रधान आरक्षक मनोज तिवारी, आरक्षक कृष्णकुमार धुर्वे, आरक्षक पंचम बघेल, आरक्षक संदीप पांडेय, आरक्षक दूजराम सिंद्राम और डीएसएफ आरक्षक शिवचरण यादव का योगदान रहा।
जंगल में शिकारियों का भय
एक हफ्ते में कुकदुर पुलिस को बहुत बड़ा सफ लता मिली है लेकिन शिकारियों के हौसले अब भी बुलंद हैं। जंगल में कई जगह पर करंट लगाया जाता है ताकि जंगली जानकर का शिकार कर सके। इसी चक्कर में कुछ वर्ष पूर्व एक तेंदुआ भी चपेट में आ गया था। शिकारी जंगली जानवरों का मांस खाते हैं और बेचते भी है। इस पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए।