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कबीरधाम पुलिस द्वारा 9 अस्थाई प्राथमिक शालाएं और 5 कोचिंग सेंटर संचालित किए जा रहे हैं। इन स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा के साथ शैक्षणिक सामग्री प्रदान की जा रही है। कबीरधाम पुलिस का लक्ष्य शिक्षा और सामुदायिक सहयोग के माध्यम से समाज को सशक्त बनाना है।
जब युवाओं को सही मार्गदर्शन और समर्थन मिलता है तो वे अपने सपनों को साकार करने में सक्षम होते हैं। कबीरधाम
पुलिस की सामुदायिक पुलिसिंग पहल ने न केवल युवाओं और बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाया है बल्कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव लाए हैं। यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायक है जो समाज में शिक्षा और सहयोग के माध्यम से बदलाव लाने का संदेश देता है।
विद्यार्थियों को सामग्री प्रदान की
हाल ही में पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह ने सुदूर वनांचल ग्राम सौरू और समनापुर का दौरा किया। यहां उन्होंने ग्रामवासियों को कंबल वितरित किए और विद्यार्थियों को शैक्षणिक सामग्री प्रदान की। इन पहलों ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों और युवाओं के बीच शिक्षा के महत्व को उजागर किया है।
शिक्षा से जोड़ रहे
इसके अलावा पुलिस विभाग द्वारा ओपन परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को फॉर्म भरवाने, किताबें वितरित करने और परीक्षा केंद्र तक नि:शुल्क वाहन सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। हर साल नक्सल प्रभावित गांवों के युवा को जो पढ़ाई छोड़ चुके हैं उन्हें 10वीं-12वीं की ओपन परीक्षा के लिए फार्म भरवाया जाता है। अब तक 500 से अधिक विद्यार्थी ओपन परीक्षा पास कर रोजगार प्राप्त कर चुके हैं।