पूछने पर बच्ची ने बताया कि वह अपनी सहेली के घर के सामने खेल रही थी तभी मनोहर चाचा मिठाई खिलाऊंगा कहकर उठाकर खेत के पैरावट के पास ले गया। उसके मुंह को दबाया, दर्द होने पर वह चिल्लयी तो गांव के एक व्यक्ति आए। उन्हें देखकर मनोहर चाचा भाग गए। उसकी बच्ची के नाक और गले में चोट के निशान थे। बच्ची को उठाकर ले जाते हुए गांव की दो महिलाओं ने भी देखा। पीड़िता की मां की लिखित शिकायत के आधार पर कुकदुर थाना में आरोपी मनोहर के विरुद्ध धारा भादसं धारा 08 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया। आरोपी को गिरफ्तार जेल दाखिल किया गया।
अतिरिक्त लोक अभियोजकर पीएन शिवोपासक ने बताया कि मामले में सुनवाई करते हुए विशेष न्यायधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) उदयलक्ष्मी सिंह परमार ने 12 फरवरी को फैसला सुनाया। आरोपी को दोषी मानते हुए धारा 363 के तहत 3 वर्ष का कारावास 500 रुपए अर्थदंड, धारा 366 के तहत 5 वर्ष कारावास व 500 रुपए अर्थदंड, धारा 354 में दो वर्ष का कारावास 1000 रुपए अर्थदंड और धारा 323 के तहत छह माह का कारावास और 100 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। वहीं अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 10 माह तक अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।