भाजपा नेताओं पर कार्रवाई को पूर्व सीएम ने राजनीति से ओत-प्रोत बताया और कहा कांग्रेस की सरकार जांच के नाम पर भाजपा नेताओं को परेशान कर रही है। कर्वधा शहर में 5 अक्टूबर को हुए उपद्रव के बाद पुलिस ने 3 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की थी। भाजपा ने जब एफआईआर की कॉपी कोर्ट से निकलवाई, तो पता चला कि वरिष्ठ नेताओं का नाम भी इस एफआईआर में जोड़े गए हैं। इनमें सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह, पूर्व विधायक मोतीराम चंद्रवंशी, अशोक साहू, प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, भाजयुमो जिलाध्यक्ष पीयूष ठाकुर, विश्व हिंदू परिषद जिला प्रमुख नंदलाल चंद्राकर सहित कैलाश चंद्रवंशी, राजेंद्र चंद्रवंशी, पन्ना चंद्रवंशी, उमंग पांडेय, राहुल चौरसिया, भुनेश्वर चंद्राकर का नाम शामिल है। सांसद संतोष पांडेय और पूर्व सांसद अभिषेक के खिलाफ कार्रवाई का आधार पुलिस ने ट्विटर पर वायरल वीडियो को बनाया है। पुलिस की मुताबिक भाड़काऊ भाषण और रैली में आपत्तिजनक बातें कही गई है।
कवर्धा शहर में 3 और 5 अक्टूबर को जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान कानून व्यवस्था को ताक में रखकर लाठी, डंडे, चाकू, छुरी, तलवार तक निकले। पत्थरबाजी हुई, मारपीट हुए और धमकी सहित कई तरह की वारदात को अंजाम दिया गया। एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि इस मामले में सिटी कोतवाली में 7 एफआईआर दर्ज कराए गए है। इसमें 1000 से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चुका है। वहीं एफआईआर दर्ज की विवेचना कर अब तक 93 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। इसमें दोनों गुट के लोग शामिल हैं।
एसपी ने बताया कि कवर्धा ङ्क्षहसा मामले में 24 उपद्रवी जिले से बाहर के हैं। इसमें मुंगेली, बेमेतरा, धमतरी के लोग शामिल है जिन्हें गिरफ्तार किया गया। वहीं दर्ज एफआईआर की विवेचना पुलिस और अन्य लोगों द्वारा लिए गए वीडियो व फोटो के आधार पर किया जा रहा है। वीडियो में जो उपद्रव करते नजर आ रहे हैं उनकी पहचान की जा रही है। पहचान होने पर उनकी गिरफ्तारी की जा रही है।
एसपी गर्ग ने बताया कि मामला जरूर 1000 से अधिक लोगों के खिलाफ दर्ज है लेकिन जिन्हें लगता है कि वह या उनके परिजन इसमें शामिल नहीं थे वह पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी बात रख सकते हैं। पूछ सकते हैं किस वीडियो, फोटो या फिर किस सबुत के आधार पर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया।अभी केवल एफआईआर दर्ज किए गए है विवेचना के दौरान नाम जोड़े जाएंगे।