scriptCG Accident: स्कूल की छत और दीवार आंगनबाड़ी की ओर गिरी, बाल-बाल बचे बच्चे | CG Accident: roof and wall of the school fell towards the Anganwadi | Patrika News
कवर्धा

CG Accident: स्कूल की छत और दीवार आंगनबाड़ी की ओर गिरी, बाल-बाल बचे बच्चे

CG Accident: बड़ा हादसा होते-होते बचा, क्योंकि स्कूल से ही लगा हुआ आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां पर बच्चे मौजूद थे। जब छत गिरा तो आंगनबाड़ी में बच्चे और कर्मचारी मौजूद थे..

कवर्धाJun 07, 2024 / 06:25 pm

चंदू निर्मलकर

CG Accident
CG Accident: बोड़ला विकासखंड के ग्राम चमारी का शासकीय प्राथमिक शाला का छत बुधवार की सुबह भरभरा कर गिर गया। गमीनत रही कि अभी स्कूल संचालित नहीं है अन्यथा बढ़ा हादसा हो जाता। वैसे बड़ा हादसा होते-होते बचा, क्योंकि स्कूल से ही लगा हुआ आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां पर बच्चे मौजूद थे। जब छत गिरा तो आंगनबाड़ी में बच्चे और कर्मचारी मौजूद थे।
CG Accident: बीते शिक्षासत्र में प्राथमिक शाला चमारी में कक्षा पहली से पांचवीं तक कक्षाएं संचालित हुई। वहीं इस शिक्षासत्र भी संभव था कि कक्षाएं लगती। हादसा कक्षा संचालित होने के पहले ही हो गया, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
CG Accident news: ग्राम चमारी का प्राथमिक शाला भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है इसलिए प्रधानपाठक और ग्रामीणों ने बैठक कर चर्चा किए थे कि इस शिक्षासत्र इस स्कूल भवन में कक्षाएं संचालित न किया जाए। आखिर जिसका डर था वहीं हुआ। बुधवार की सुबह 9 बजे शासकीय प्राथमिक शाला की ओर की छत भरभरा कर गिर गया।
CG Accident news: हालांकि इस दौरान स्कूल भवन में कोई मौजूद नहीं था। हालांकि बड़ा हादसा होते-होते बचा क्योंकि जिस कमरे का छत गिरा उसके बाजू पास में ही आंगनबाड़ी केंद्र हैं जहां पर बच्चे खेल रहे थे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका मौजूद थी। छत गिरा तो दीवार को तोड़ते हुए आंगनबाड़ी की ओर गिरा। इस दौरान बच्चे आंगनबाड़ी के अंदर ही थे। किस्मत अच्छी रही कि कोई जानमाल की हानि नहीं हुई।

CG Accident: निर्देश की अनदेखी

बीते दिनों कलेक्टर ने अधिकारियों की बैठक लेकर स्पष्ट निर्देश दिए थे कि जो भी स्कूल जर्जर है वहां की स्थिति का जायजा लें और मरम्मत योग्य है तो मरम्मत कराएं। लेकिन अधिकारियों के समय नहीं कि स्कूल का निरीक्षण भी करें।

CG Accident: हादसे के इंतजार में रहते हैं अधिकारी

कई वर्षों से अधिकारियों को सूचित किया जा रहा है कि स्कूल भवन जर्जर हो चुका है। बावजूद इस पर किसी तरह से ध्यान नहीं दिया रहा है, जब हादसे होते हैं तब सबक मिलता है। लेकिन हादसे का इंतजार ही क्यों करना। ग्राम चमारी के पालकों ने निर्णय लिया है कि बच्चों की कक्षाएं गांव के ही किसी घर के खाली कमरे या बरामदे में संचालित होगा। मतलब बच्चों की पढ़ाई केवल काम चलाऊ होगी।

CG Accident: अब ठिकाना नहीं

गांव में अन्य कोई शासकीय भवन नहीं है। गांव छोटा है जिसके कारण यहां मीडिल स्कूल भी नहीं है। मीडिल स्कूल पास के ही गांव सरईपतेरा में है। बीते सत्र प्राथमिक स्कूल में 55 बच्चे अध्यनरत रहे। इस वर्ष भी 50 से 55 बच्चे अध्यापन करेंगे। लेकिन बड़ी समस्या यही है कि यहां अन्य कोई शासकीय भवन, सामुदायिक भवन, सार्वजनिक मंच कुछ भी नहीं है, जिसके कारण वहां पर स्कूल संचालित करना मुश्किल है।

CG Accident: अधिकारी को पता नहीं

स्कूल का छत गिर जाने के दूसरे दिन भी जिला शिक्षा अधिकारी को इसकी सूचना नहीं दी जाती। मतलब जानबूझकर इस लापरवाही को छुपाया जा रहा था। प्रधानपाठक ने तो इसकी सूचना संकुल समन्वयक को दे दी लेकिन यह जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी तक नहीं पहुंची। मीडिया के माध्यम से उन तक जानकारी पहुंची। डीईओ योगेश दास ने बोड़ला बीईओ से जानकारी ली तो उन्होंने डीईओ को कल जानकारी देने की बात कह दी। इस तरह से मामले को ही दबाने की भरपूर कोशिश की जा रही है।

CG Accident: विद्यार्थियों के सामने मुसीबत

पूर्व में जर्जर स्कूल की सूचना देने के बाद भी नया भवन स्वीकृत नहीं हो सका। इसके कारण आज विद्यार्थियों के सामने मुसीबत खड़ी है। यह केवल एक गांव के स्कूल की समस्या नहीं है। कई गांव में कई स्कूल भवन बेदह जर्जर हो चुके हैं जिन्हें डिस्मेंटल किया जाना आवश्यक है, बावजूद जिले के अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
प्रधानपाठक थानसिंह मेरावी ने कहा कि 5 जून की सुबह छत गिर गई। भवन जर्जर हो चुका है। गांव में शासकीय भवन की कमी है। आगामी शिक्षासत्र में कक्षाएं संचालित करने के लिए ग्रामीणों के बैठक करेंगे। वहां पर जो निर्णय होगा इसके हिसाब से कक्षाएं संचालित करेंगे।

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