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कौशाम्बी

Succes Story: सिरका ने चमकायी गन्ना किसान की किस्मत, खड़ी कर दी कंपनी

गन्ना किसान राजकिशोर सिंह ने अपना गन्ना बेचने के बजाय उसका सिरका बनाकर बेचना शुरू किया आैर देखते ही देखते अब उन्होंने एक कंपनी भी बना ली है। उनका सिरका दूर-दूर तक जाता है।

कौशाम्बीJun 21, 2021 / 03:16 pm

रफतउद्दीन फरीद

sugarcane sirka

कौशाम्बी. खेती बारी में किसान मेहनत तो खूब करते हैं, लेकिन उस लिहाज से आमदनी नहीं हो पाती। पर अगर परंपरागत किसानी के साथ ही खेती मे किसान तकनीक और नए तौर तरीकों से न सिर्फ अपनी आय बढ़ाने में कामयाब हुए हैं बल्कि दूसरों के लिये भी रोजगार के मौके पैदा करते हैं। ऐसे ही एक प्रगतिशील किसान हैं कौशाम्बी जिले के राज किशोर सिंह। गन्ना किसान राजकिशोर सिंह सिरका तैयार करते हैं और उनका सिरका प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई होता है। जल्द ही यह देश के दूसरे प्रदेशों तक भी पहुंचेगा।


कौशाम्बी जिले के सिराथू के अनेठा गांव निवासी राजकिशोर सिंह गन्ना किसान हैं। पहले वह अपने तीन बीघा क्षेत में गन्ने कीखेती करते थे और इसकी फसल बेचकर जो मिलता उससे रोजी-रोटी चलाते। पर समय के साथ खेती की लागत भले बढ़ती गई, लेकिन आय में उस लिहाज से बढ़ोत्तरी नहीं हुई। फिर उन्होंने अपने खेतों में उगाया गन्ना बेचने के बजाय उसका सिरका बनाकर फेरी वालों के जरिये बेचवाना शुरू किया। उनका यह काम चल निकला और उतने ही खेत में गन्ने की ही खेती से उनकी आय पहले से कहीं अधिक होने लगी।


राज किशोर सिंह ने तीन साल पहले इसकी शुरुआत की। वह मिट्टी के घड़े में गन्ने के रस को करीब तीन महीने तक रखते हैं। इसके बाद इससे सिरका तैयार कर बड़े-बड़े जार में सुरक्षित कर लेते हैं। राजकिशोर अपने यहां तैयार किया गया गन्ने का सिरका फेरीवालों को 40 से 50 रुपये लीटर बेच देते हैं। जब काम चल निकला तो उन्होंने इसे और बढ़ाने का सोचा। वह आसपास के गांव से किसानों से सीधे 400 से 500 रुपये कुंतल गन्ना खरीदने लगे। उनके पास अपना स्पेलर भी हो गया, जिसमें वह गन्ने की पेराई कर सिरका तैयार करते हैं।


प्रगतिशील किसान के रूप में राज किशोर का नाम हुआ और नाबार्ड से उनका सम्पर्क हुआ। अपने पूरे काम के बारे में नाबार्ड को जानकारी दी। नाबार्ड ने पूरे काम को समझने के बाद अनेठा फार्मर प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम से उनकी एक कंपनी बनाकर पंजीकृत कराई। अब नाबार्ड सिरके की ब्रांडिंग कर उनके कारोबार को पंख लगाने में जुटा है। उधर राज किशोर सिंह भी अपने सिरके की पैकिंग आदि पर ध्यान दे रहे हैं, जिससे उसकी ब्रांडिंग हो सके। राज किशोर के अनुसार जल्द ही उनका सिरका यूपी के कई जिलों के साथ ही पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में भी सप्लाई होगा।


औषधीय गुणों से भरपूर सिरके का कारोबार कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाला है। सिरका गर्मियों में लू से बचाता है। गर्मियों में इसका सेवा किया जाता है। इसके अलावा फास्ट फूड में सिरका (वेनेगर) का इस्तेमाल खूब होता है। हालांकि इसमें थोड़ी मेहनत तो जरूर लगती है, लेकिन मुनाफा भी खूब होता है। राज किशोर इसका जीता जागता सबूत हैं। राज किशोर का सिरका अब पैकिंग 100 से 120 रुपये लीटर में वाराणसी, प्रयागराज ओर कानपुर आदि शहरो में सप्लाई होने लगा है।

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