मिल रही अच्छी कीमत
अध्यक्ष ने बताया कि लगभग 40 से 45 दिनों में मशरूम के उत्पादन के पश्चात काटने योग्य हो जाने पर इसे हम आसानी से हाथ से तोड़ लेते हैं। अच्छी कीमत में स्थानीय क्षेत्र में दे रहे हैं। साथ ही अन्य जिलों राज्यो में भेजने की तैयारी है। समूह के सदस्यों ने बताया कि यह एक अच्छे किस्म का खाध पदार्थ है। मेडिकल की दृष्टि से यह बहुमूल्य औषधि के रूप में काम करती है। इसके सेवन मात्र से अनेकों बीमारियां आसानी से ठीक हो जाती हैं। इसमें एंटीबायोटिक तत्वों की मौजूदगी होने से जीवाणुओं की रक्षा एवं एंटीवायरल तत्व शरीर मे वायरल बुखार से बचाते हैं। इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो महिलाओं के लिये लाभकारी है।
मेहनत को मिल रही सफलता
सचिव ने बताया कि इसके सेवन से प्रोटीन के रूप मे विटामिन बी-12 की आवश्यकता दैनिक रूप मे पूर्ण होती है। यह ह्रदयघात जैसी विमारियों से हमे बचाता है। खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढऩे नही देता। इस प्रकार मशरूम के द्वारा विभिन्न उदाहरण बताए। साथ ही बताया खेती के पश्चात थैली मैं मिश्रण पदार्थ जैविक खाद के रूप में उपयोगी है। प्लांट में उत्पादन के लिए अध्यक्ष लक्ष्मी बर्मन, सचिव सुनीता बर्मन सहित सदस्य रजनी बर्मन, चंद्र बर्मन, संगीता बर्मन, प्रिया बर्मन, सुनीता, चाहत, दीपा आदि ने समिति बनाकर इस कार्य को अंजाम दे रही हैं। महिलाओं मानना है कि मेहनत से सफलता मिल रही है। महिलाओं ने कहा कि वे अन्य ग्रुप की महिलाओं को सशक्त करने पहल करेंगी।