अन्य राज्यों की दालें इस वजह से मध्यप्रदेश की तुलना में दो रुपये प्रति किलो कम कीमत पर बिकती हैं। मध्यप्रदेश में मंडी शुल्क के कारण कीमतें ऊंची हो जाती है। इस कारण मप्र की दालें बिक नहीं पाती हैं। यही कारण है कि दाल मिलर्स पड़ोसी राज्यों के समान ही मध्यप्रदेश में भी राज्य के बाहर से दाल बनाने के लिए मंगाई जाने वाली दलहनों पर मंडी शुल्क से छूट मांग रहे थे। दाल मिल एसोसिएशन के अनुसार बढ़ती महंगाई के बीच उपभोक्ताओं के हित में भी यह छूट जरूरी है।
अब कृषि मंत्री ने इस बारे में स्पष्ट घोषणा कर दी है। एक अप्रैल से शुल्क में छूट दी जाएगी। हालांकि अधिसूचना जारी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि शुल्क कितना कम किया जा रहा है। गौरतलब है कि दाल पर टैक्स के मामले को पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया था। मंडी टैक्स के कारण कटनी की कई दाल मिलें छत्तीसगढ़ तथा अन्य प्रदेशों में चली गईं हैं। बता दें कि 100 रुपए पर 1.70 रुपए मंडी टैक्स लगता है। इससे मिलर्स को घाटा हो रहा है। अन्य प्रदेशों में इसकी छूट है।