योजना जानी और बढ़ाए कदम
कृषक रामसिंह ने बताया कि उद्यानिकी विभाग से जानकारी लगी कि नंदनवन योजना के तहत किसानों को उद्यानिकी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। सात साल पहले आंवले की खेती करना शुरू की। एक एकड़ में मात्र 72 आंवले के पौधे 25-25 फीट की दूरी पर लगाए। अब ये पौधे न सिर्फ बड़े पेढ़ बनकर तैयार हो गए हैं, बल्कि बगैर लागत किसान को सालाना 85 से 90 हजार रुपये का मुनाफा दे रहे हैं। चार साल से फल आ रहे हैं और अच्छी खासी आमदनी हो रही है। आंवले की फसल को देखकर गांव किसान भी प्रेरित हुए और प्रयोग शुरू कर दिया है। इसके अलावा खेत में नींबू की फसल भी तैयार की है वह भी आने लगा है। नकदी फसलों में भी किसान ने बेहतर आयाम स्थापित किए हैं।
हरित क्रांति का ध्येय
किसान रामसिंह सिर्फ खेती ही नहीं बल्कि पर्यावरण संतुलन के लिए हरित क्रांति लाने का भी बीड़ा उठाए हैं। पिछले चार साल में किसान 10 हजार पौधों की नर्सरी तैयार कर क्षेत्र के किसानों को नि:शुल्क बांट दिए है। नर्सरी में आंवला, नीम, जामुन, खम्हेर सहित अन्य फलदार छायादार पौधे तैयार कर वितरण कर रहे हैं। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण, कई साल से अल्पवर्षा को भांपते हुए लोगों को पौधों का महत्व बताने यह मुहिम शुरू की है। खास बात यह है कि हर साल वे खुद 300 से ज्यादा पौधे रोपकर सुरक्षित बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
खास-खास:
– किसान ने खेत में 200 पौधे मुनगे के लगाए हैं, फूल आने लगा हैं, जिससे आमदनी शुरू हो गई है।
– खेती के दम पर 10 एकड़ जमीन क्रय की है, कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर सहित अन्य उपकरण क्रय किए हैं।
– खेत में पहुंचने वाले किसानों को समय निकालकर उद्यानिकी सहित उन्नत तकनीक की खेती के लिए प्रेरित करते हैं।
– युवाओं को बता रहे कि पढ़ाई के बाद सिर्फ नौकरी ही हीं बल्कि खेती कर बेहतर आयाम स्थापित किए जा सकते हैं।
समाजसेवा के साथ जल संरक्षण
किसान खेती के साथ-साथ जन अभियान से जुड़कर बीएसडब्ल्यू योजना अंतर्गत चार साल से बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे थे। नवागत सरकार में योजना बंद होने से पढ़ाना बंद कर दिया है, लेकिन लोगों को जागरुक कर रहे हैं। इतना ही नहीं 2012 से जन कल्याण शिक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण समिति से जुड़कर जन जागरुकता अभियान चला रहे हैं। जल संरक्षण का कार्य कर रहे हैं। इसमें साथियों के साथ मिलकर नहर, तलैया, जल स्तर बढ़ाने प्रयास किए हैं।
ऐसे किसान खेती को दे रहे नया आयाम
जिला उद्यानिकी अधिकारी वीरेंद्र सिंह ने कहा कि जिले के किसान अब तेजी से उद्यानिकी की ओर आगे बढ़ रहे हैं। उन्नत कृषि के साथ जैविक कृषि को खासा तवज्जों दे रहे हैं। कृषि को लाभ का धंधा बना रहे हैं, उन्हीं में से एक रामसिंह भी हैं। पत्रिका द्वारा किसानों के नवाचार और उसके बेहतर परिणाम से हजारों किसानों को कृषि से एक बार फिर जोडऩे का काम किया है। इससे जिले में अभूतपूर्ण परिवर्तन सामने आ रहे हैं।