यह है 2011 की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के जनगणना संचालनय निदेशालय द्वारा कटनी के आधिकारिक जनगणना 2011 के अनुसार कटनी की जनसंख्या 12 लाख 92 हजार 042 थी, जिसमें से पुरुष और महिला क्रमश: 662,013 और 630,029 है। जनसंख्या वृद्धि का 21.41 प्रतिशत रहा है, लेकिन अब बढ़ा है। ***** अनुपात प्रति 1000 पुरुष में 952 महिलाएं बताई गईं थीं। जबकि बाल ***** अनुपात 0-6 आयु में 939 रहा है और महिला साक्षरता 61.56 प्रतिशत रही है।
अभियानों से आई जागरुकता
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग नयन सिंह का मानना है कि अब समाज में काफी बदलाव आ गया है। लोग बेटियों के महत्व को समझ रहे हैं। अब जरुरत है लोगों को और समझने की और उन्हें सशक्त बनाने की। जिले के 104 ग्राम हैं जहां पर अभी अनुपात कम हैं वहां पर विशेष अभियान चलाकर लोगों को जागरुक किया जा रहा है। सभी को समझाइश देना है कि लिंगभेद न करें। बेटियों का बहुत महत्व है।
इन बातों का रखें ध्यान
– बेटा-बेटी को समझें एक समान।
– एबॉर्शन न कराएं।
– ***** परीक्षण न कराएं।
– बच्चियां हैं तो भेदवाव न करें।
– पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य पर ध्यान रखें।
– बेटियों का सामाजिक दायरा बढ़ाएं।
– बेटियों की सुरक्षा के लिए आगे आएं
महिला बाल विकास विभाग की हैं दो मुख्य योजनाएं
बेटियों को बढ़ावा देने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग दो मुख्य योजनाएं चलाई जा रही हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना में प्रथम व द्वितीय बालिका में नसबंदी करा लेने पर एक लाख 18 हजार रुपये 18 वर्ष की उम्र पर दिया जा रहा है। इसके अलावा कक्षा 6वीं, 9वीं, 11वीं, 12वीं में क्रमश: दो हजार, तीन हजार के स्लैब में छात्रवृत्ति दी जाती है। इसी तरह किशोरी बालिका योजना में टेकहोम राशन के साथ शाला त्यागी बच्चियों के लिए हेल्थ चेकअप किया जाता है।
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स्वास्थ्य विभाग भी दिखा रहा दम
बालिकाओं को सशक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग भी पहल कर रहा है। जन्म से ही बच्चों की देखभाल की जा रही है। पहला मातृ एवं शिशु मृत्युदर रोकने अभियान चल रहा है। मां और बच्चे की सुरक्षा की जा रही हैहै। अस्पताल में डिलेवरी, बीमार बच्चियों का नि:शुल्क इलाज, एनआरसी में उपचार, टीकाकरण, आयरन दवा का वितरण, सीरप, बड़े बच्चों को एनीमिया कम करने के नीले रंग की गोली। संचार काउंसलिंग करना, मां की देखभाल, महिला स्वास्थ्य उपचार चलता है। एनसीडी प्रोग्राम भी शुरू किया गया है।
शिक्षा विभाग की योजनाएं
बेटियों को सशक्त करने के लिए शिक्षा और आदिम जाति कल्याण विभाग सहित अन्य विभागों से योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बीबी दुबे के अनुसार बेटियों को सशक्त करने पांचवी पास करने पर छठवीं से छात्रवृत्ति, कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की सुविधा, साइकिल, आठवीं में यूनीफॉर्म की सुविधा, गांव की बेटी छात्रवृत्ति, छात्राओं के लिए छात्रावास की सुविधा, हॉयर सेकंडरी पास करने पर अलग से छात्रवृत्ति आदि की सुविधा दी जा रही है। वहीं उच्च शिक्षा विभाग भी कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। इसमें गांव की बेटी योजना चल रही है। 60 प्रतिशत के ऊपर अंक पर पांच हजार छात्रवृत्ति, छात्रावास सहित मेधावी आने पर नि:शुल्क शिक्षा सहित अन्य योजनाएं चलाई जा रही हैं।