नहीं दी जा रही थी छुट्टी व सही जानकारी
प्रसूता के पति दिनेश कुमार चक्रवर्ती ने कहा कि पत्नी को प्रसव पीड़ा होने 6 बजे भर्ती कराया गया, 10 बजे प्रसव हुआ। मृत बच्चा दिया गया। जब छुट्टी के कागज दे रहे थे तो उसमें बच्ची लिखा हुआ है। परिजनों ने कहा कि अस्पताल की डॉक्टर व नर्सिंग स्टॉफ द्वारा कागज रख लिए गए, कई बार मांगने के बाद भी नहीं दिए गए। उनके द्वारा कई बार गुमराह किया गया। छुट्टी के लिए परिजन परेशान होते रहे। शुक्रवार की रात तक प्रसूता को छुट्टी हीं दी गई। स्टॉफ ने शर्त रखी कि बच्ची वाले कागज में दस्तखत करेंगे, तभी छुट्टी दी जाएगी।
इस मामले में महिला चिकित्सक डॉ. सीमा शिवहरे का कहना है कि जब अस्पताल में प्रसव होता है उस दौरान परिजनों को बच्चा देकर रजिस्टर में दस्तखत करा लिए जाते हैं, ताकि आगे कोई समस्या न हो। पेट के अंदर बच्चा सड़ गए था, इसके कारण ऐसा परिजनों को कन्फ्यूजन हुआ है। बच्ची ही पैदा हुई थी। मेरे द्वारा डिस्चार्ज कार्ड में दस्तखत कर दिए गए थे। परिजनों द्वारा बेवजह ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं।
इस मामले की विस्तृत जानकारी नहीं है। डॉ. सीमा शिवहरे व एमएच कॉर्डीनेटर दुर्गा पटेल से जानकारी मांगी गई है। मिस अंडर स्टैंडिंग के कारण ऐसा हुआ है। बच्चे के गल जाने के कारण यह परिजनों को यह पता नहीं चल पाया कि बच्चा है या बच्ची। हमारे रिकॉर्ड में बच्ची ही दर्ज है। हालांकि इस मामले में स्टॉफ से पूछकर जांच कराई जाएगी। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी।
डॉ. राजेंद्र ठाकुर, प्रभारी सीएस।