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यह भी जारी हुआ है पत्र
विधायक संदीप जायसवाल द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाए जाने व नगरीय प्रशासन मंत्री के आश्वासन के बाद 7 जनवरी को प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल ने आयुक्त को पत्र क्रमांक 247 जारी कर प्रश्राधीन आरओ डब्ल्यू के निर्माण के साथ-साथ कैरिजवे पर डामरीकरण कराए जाने की कार्रवाई करने कहा है। यह भी उल्ले किया गया है कि ताकि सडक़ पर यातायात से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। की गई कार्रवाई से विधायक एवं संचालनालय, विभाग को अवगत कराएं।
यह भी जारी हुआ है पत्र
विधायक संदीप जायसवाल द्वारा विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाए जाने व नगरीय प्रशासन मंत्री के आश्वासन के बाद 7 जनवरी को प्रमुख अभियंता नगरीय प्रशासन एवं विकास भोपाल ने आयुक्त को पत्र क्रमांक 247 जारी कर प्रश्राधीन आरओ डब्ल्यू के निर्माण के साथ-साथ कैरिजवे पर डामरीकरण कराए जाने की कार्रवाई करने कहा है। यह भी उल्ले किया गया है कि ताकि सडक़ पर यातायात से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। की गई कार्रवाई से विधायक एवं संचालनालय, विभाग को अवगत कराएं।
चर्चाओं पर रहा सडक़ को लेकर कराया गया सर्वे
रविवार को सोशल मीडिया में घंटाघर सडक़ निर्माण को लेकर एक सर्वे रिपोर्ट चली। इसको लेकर दिनभर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। तीन सवाल क्षेत्र की जनता से पूछे गए, इसमें ‘घंटाघर से चांडक चौक तक की सडक़ पर कटनी वासियों की राय’ नामक शीर्षक से सर्वे कराया गया। इसमें पहल सवाल था कि क्या सडक़ डामरीकरण करके निर्माण कार्य होना चाहिए? इस पर 1539 लोगों ने याने कि 85.93 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई, दूसरे सवाल क्या सडक़ चौड़ी करके निर्माण होना चाहिए? इस पर 235 वोट याने कि 13.12 प्रतिशत मत रहा, तीसरे सवाल क्यो चुने गए जनप्रतिनिधियों के विवेक पर कार्य होना चाहिए? इसमें मात्र 17 वोट 0.95 प्रतिशत मिले। हालांकि यह सर्वे किसके द्वारा कराया गया, यह तथ्य सामने नहीं आए। इसको लेकर महापौर का कहना है कि यह कोई प्रमाणित सर्वे नहीं है।
रविवार को सोशल मीडिया में घंटाघर सडक़ निर्माण को लेकर एक सर्वे रिपोर्ट चली। इसको लेकर दिनभर लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी। तीन सवाल क्षेत्र की जनता से पूछे गए, इसमें ‘घंटाघर से चांडक चौक तक की सडक़ पर कटनी वासियों की राय’ नामक शीर्षक से सर्वे कराया गया। इसमें पहल सवाल था कि क्या सडक़ डामरीकरण करके निर्माण कार्य होना चाहिए? इस पर 1539 लोगों ने याने कि 85.93 प्रतिशत लोगों ने सहमति जताई, दूसरे सवाल क्या सडक़ चौड़ी करके निर्माण होना चाहिए? इस पर 235 वोट याने कि 13.12 प्रतिशत मत रहा, तीसरे सवाल क्यो चुने गए जनप्रतिनिधियों के विवेक पर कार्य होना चाहिए? इसमें मात्र 17 वोट 0.95 प्रतिशत मिले। हालांकि यह सर्वे किसके द्वारा कराया गया, यह तथ्य सामने नहीं आए। इसको लेकर महापौर का कहना है कि यह कोई प्रमाणित सर्वे नहीं है।
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एक लेयर वाली नहीं टिकेगी सडक़: महापौर
2022 में महापौर बनने के बाद हमने इसे पहली प्राथमिकता में रखा। जनसहयोग से 10 लाख रुपए खर्च कराते हुए पेंचवर्क कराए गए। 23 में सीवर लाइन का काम शुरू हुआ, लाइन डलने के बाद डब्ल्यूबीएम सडक़ का काम हुआ, न्यायालय के आदेश हैं कि 12 मीटर सडक़ चौड़ी बनाई जाए, वर्तमान में 8 मीटर सडक़ है, दोनों तरफ नाले, 5 पुलिया बननी हैं, पूरी प्रक्रिया हो गई है। अतिक्रमण तोडऩे के लिए टीम गठित हो गई है, इस संबंध में कलेक्टर से भी बात हो गई है। जांच के बाद 2 करोड़ 26 हजार मुआवजा बना है, इसे परिषद में जाना है, क्योंकि यह नीतिगत विषय है। पूर्व में मुआवजे की सैद्धांतिक स्वीकृति भी मिल चुकी है। विधानसभा में विधायक ने एक लेयर डामरीकरण कराए जाने की मांग रखी है, यहां पर एक लेयर वाली सडक़ नहीं चल पाएगी, इसलिए सडक़ चौड़ी कराते हुए मजबूत बनाई जाएगी।
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चार साल से जनता भुगत रही पीड़ा: विधायक
सडक़ चौड़ीकरण के पक्ष में सभी है, लेकिन चार वर्षों से लोग बड़ी पीड़ा भोग रहे हैं, इसलिए एकपरत डामर की सडक़ बिछा देने से जनता को बड़ी राहत मिलेगी। इसी के लिए विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया था, मंत्री ने आश्वासन दिया, नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर निगम को सडक़ बनाने आदेश भी जारी कर दिए। नगर निगम स्तर पर जो कार्रवाई होना है, नगर निगम को करना है, यदि वे नहीं मानते हैं या मानते हैं या फिर कब तक करते हैं यह देखना है। अधिकारी बता रहे हैं फाइल चल रही है, कुछ समय मैं इंतजार करूंगा, इसके बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आश्वास पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं यह नगर निगम पर निर्भर है।
चार साल से जनता भुगत रही पीड़ा: विधायक
सडक़ चौड़ीकरण के पक्ष में सभी है, लेकिन चार वर्षों से लोग बड़ी पीड़ा भोग रहे हैं, इसलिए एकपरत डामर की सडक़ बिछा देने से जनता को बड़ी राहत मिलेगी। इसी के लिए विधानसभा में ध्यानाकर्षण लगाया था, मंत्री ने आश्वासन दिया, नगरीय प्रशासन विभाग ने नगर निगम को सडक़ बनाने आदेश भी जारी कर दिए। नगर निगम स्तर पर जो कार्रवाई होना है, नगर निगम को करना है, यदि वे नहीं मानते हैं या मानते हैं या फिर कब तक करते हैं यह देखना है। अधिकारी बता रहे हैं फाइल चल रही है, कुछ समय मैं इंतजार करूंगा, इसके बाद आगे की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आश्वास पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं यह नगर निगम पर निर्भर है।
महापौर-विधायक की लड़ाई में पिस रही जनता: नेताप्रतिपक्ष
सडक़ के अबतक न बन पाने के मामले में नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष रागनी गुप्ता का कहना है कि महापौर और विधायक की लड़ाई में शहर की जनता पिस रही है। राजनीति के कारण सडक़ अबतक नहीं बन रही। विधायक चाह रहे हैं कि डामरीकरण हो जाए तो उनको श्रेय मिल जाए। महापौर चाहती हैं कि चौड़ीकरण के बाद सडक़ बने तो हमको श्रेय मिल जाए। लोगों की समस्या पर कोई गंभीर नहीं है।
सडक़ के अबतक न बन पाने के मामले में नगर निगम की नेता प्रतिपक्ष रागनी गुप्ता का कहना है कि महापौर और विधायक की लड़ाई में शहर की जनता पिस रही है। राजनीति के कारण सडक़ अबतक नहीं बन रही। विधायक चाह रहे हैं कि डामरीकरण हो जाए तो उनको श्रेय मिल जाए। महापौर चाहती हैं कि चौड़ीकरण के बाद सडक़ बने तो हमको श्रेय मिल जाए। लोगों की समस्या पर कोई गंभीर नहीं है।