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कटनी का चावल प्रदेश के 24 जिलों में बिखेर रहा स्वाद व खुशबू

Rice from Katni supplied to 24 districts

कटनीNov 10, 2024 / 07:26 pm

balmeek pandey

Rice from Katni supplied to 24 districts

Rice from Katni supplied to 24 districts

94 हजार मेट्रिक टन चावल की हुई सप्लाई, 4 लाख मेट्रिक टन हुआ था धान का उत्पादन

कटनी. जिले का अन्नदाता एक से बढकऱ किस्म का धान उगाता है और सरकार को समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेच रहा है। किसानों का चावल मिलर्स द्वारा शासन की गोदामों में जमा किया गया, जिसका स्वाद कटनी जिला ही नहीं बल्कि प्रदेशभर के 24 जिलों के लोग स्वाद चख रहे हैं। अपनी खास खुशबू और स्वाद के कारण जिले का चावल प्रसिद्ध है। वर्ष 2023-24 में कटनी में साढ़े 3 लाख 97 हजार 863 मेट्रिक टन धान का उत्पादन हुआ था, जिसमें से 73 मिलर्स ने 4 लाख 81 हजार 713 मेट्रिक टन धान की मिङ्क्षलग के लिए अनुबंध किया। 96 प्रतिशत मिङ्क्षलग करते हुए 2 लाख 59 हजार 112 मेट्रिक टन चावल सरकारी गोदामों में जमा किया है। इसमें 1 लाख 84 हजार 143 मेट्रिक टन चावल नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से स्टेट, सेंट्रल व 71 हजार 297 मेट्रिक टन चावल एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) में जमा किया है।
मिलर्स द्वारा जमा किए गए चावल में से अबतक 94 हजार मेट्रिक टन चावल प्रदेश के 24 जिलों में सप्लाई किया गया। इस सप्लाई में नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कटनी का चावल अपनी क्वालिटी और स्वाद के कारण विभिन्न जिलों में लोकप्रिय हो रहा है। प्रदेश की पीडीएस दुकानों में इस साल की सप्लाई रैक प्वाइंट निवार रेलवे स्टेशन व झुकेही रेलवे स्टेशन से प्लाई किया गया है। इसके अलावा रोड परिवहन के माध्यम से चावल भेजा गया है। अभी भी 10 हजार मेट्रिक टन चावल भेजने की तैयार है।
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72/28 का दिया गया है लक्ष्य
कटनी में 76 मिलर्स चावल की मिङ्क्षलग कर रहे हैं, इन मिलर्स को 72 प्रतिशत चावल नान व 28 प्रतिशत सेंट्रल वेयर हाउसों में जमा करना था। 2024-25 में भी 4 लाख मेट्रिक टन से अधिक धान उत्पादन का लक्ष्य है। प्रदेश के और भी अधिक जिलों में इसकी पहुंच बनाई जाएगा। कटनी का चावल प्रदेश के कई जिलों की मांग को पूरी कर रहा है। चावल की सप्लाई सुनिश्चित करने में नागरिक आपूर्ति निगम और भारतीय खाद्य निगम का अहम योगदान है। इन संस्थानों ने सप्लाई चेन को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया है, ताकि चावल सही समय पर और उचित गुणवत्ता में जिलों तक पहुंच सके।
इन जिलों में चावल हुआ सप्लाई
जानकारी के अनुसार छतरपुर 6 हजार एमटी, मंदसौर 1200 एमटी, विदिशा 500 एमटी, सागर 4400 एमटी, देवास 3600 एमटी, गुना 2500 एमटी, भोपाल 4600 एमटी, रतलाम 4600 एमटी, खरगौन 2000 एमटी, सिहोर 2500 एमटी, ङ्क्षछदवाड़ा 2000 एमटी, मुरैना 2000 एमटी, दमोह 800 एमटी, इंदौर 7100 एमटी, ङ्क्षभड 3600 एमटी, आगर मालवा 2500 एमटी, झाबुआ 10 हजार 400 एमटी, अशोकनगर 5 हजार 200 एमटी, बैतूल 7800 एमटी, दतिया 2500 एमटी, ग्वालियर 2600 एमटी, शिवपुरी 5200 एमटी, उज्जैन 2600 एमटी, शिवपुर 7800 मेट्रिक टन सप्लाई किया गया है।
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इस धान की फैल रही खुशबू
जानकारी के अनुसार जिले में उच्च गुणवत्ता वाली धान की खेती किसान कर रहे हैं। इसमें निवारी, क्रांति, अनंदा, धौर, आइआर-36, आइआर-34 सहित हाइब्रिड की धान शामिल थी। इस धान की शहर सहित जिले के 76 मिलर्स ने मिङ्क्षलग कर मिल चावल शासकीय व अनुबंधित गोदामों में जमा किया, जिसके बाद विभागों द्वारा सप्लाई किया गया है।
वर्जन
जिले में 98 प्रतिशत धान की मिङ्क्षलग हो गई है। 2 लाख 59 हजार 112 मेट्रिक टन चावल गोदामों में मिलर्स ने भंडारित किया है। इसकी सप्लाई जिला सहित प्रदेश के कई जिलों में हुई है। 24 जिलों में 94 हजार मेट्रिक टन से अधिक चावल भेजा गया है। अभी 10 हजार मेट्रिक टन से अधिक चावल जाना है।
देवेंद्र तिवारी, डीएम नागरिक आपूर्ति निगम।

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