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कटनी

वृद्ध महिला को जिन्दा जलाने वाली बहू-पोते को आजीवन कारावास

Punishment for murdering a woman

कटनीAug 31, 2024 / 08:22 pm

balmeek pandey

Court Order

प्रतीकात्मक फोटो

कटनी. थाना ढीमरखेड़ा क्षेत्र के चिह्नित जघन्य सनसनीखेज प्रकरण में आरोपियों को प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी मदन प्रताप सिंह क्षत्रिय उर्फ राजेश (41) एवं मुन्नी बाई पति स्व. प्रताप सिंह क्षत्रिय (59) दोनों निवासी ग्राम पहरुआ थाना ढीमरखेड़ा द्वारा कौशिल्या सिंह के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर हत्या करने के आरोप में धारा 302/34 में दोषी पाते हुये प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धरमिन्दर सिंह राठौड ने सजा सुनाई है। मदन प्रताप सिंह क्षत्रिय उर्फ राजेश एवं मुन्नी बाई को धारा 302/34 में आजीवन कारावास कारावास एवं 5-5 हजार रुपए के अर्थदंड से दण्डित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से जिला लोक अभियोजन अधिकारी हनुमंत किशोर शर्मा के द्वारा पैरवी की गई। प्रकरण में अनुसंधान थाना प्रभारी मोहम्मद शाहिद द्वारा किया गया है।
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यह है मामला
जानकारी के अनुसार कौशिल्या सिंह पति वंश धारी सिंह (90) निवासी ग्राम पहरुआ थाना ढीमरखेड़ा की मृत्यु होने पर थाना ढीमरखेड़ा द्वारा मर्ग जांच की गई। दौरान मर्ग जांच मृतिका कौशिल्याबाई सिंह का कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा लेख मृत्यु पूर्व मरणासन्न कथन एवं मृतिका की पुत्री माया सिंह चौहान एव नाती संजय सिंह के कथनोंके आधार पर पाया गया कि मृतिका कौशिल्या सिंह का पोता मदन सिंह एवं मदन सिह की मां मुन्नी बाई, मृतिका कौशिल्या बाई से 5 अप्रेल 23 को रुपयों के विवाद को लेकर पोता मदन सिंह एव मदन सिंह की मां मुन्नी बाई जो मृतिका की बहू है उसके द्वारा मृतिका कौशिल्या बाई के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर मदन सिंह के द्वारा माचिस से आग लगाकर जिंदा जला दिया। आग लगने से मृतिका झुलस गई जिसे ईलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसकी ईलाज के दौरान 6 अप्रेल को मौत हो गई थी।

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हत्या का अपराध पाया प्रमाणित
आरोपी मदन सिंह एवं मुन्नी बाई का पर धारा 302/34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया। अनुसंधान पश्चात प्रकरण में आरोपीगण के विरुद्ध थाना ढीमरखेड़ा द्वारा अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। इलाज के दौरान मृतिका का कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा मरणासन्न कथन लेख किया गया, जिसमें मृतिका द्वारा आरोपीगण के कृत्य संपूर्ण विवरण दिया गया। विचारण न्यायालय द्वारा उक्त मरणासन्न कथन एवं अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर प्रकरण में अभियोजन के तर्कों से सहमत होते हुए हत्या का अपराध प्रमाणित पाते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने सजा सुनाई।

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