आसपास के लोगों ने कहना कि बैंक कर्मचारी कई दिन से नहीं दिख रहे हैं। बैंक के गेट पर ताला लग गया। आखिर पूछताछ के बाद आदित्य कोतवाली थाना पहुंचा और शिकायत दर्ज कराई। आदित्य ने बताया कि कैमुना क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 6 हजार प्रतिमाह के हिसाब सालभर पैसे जमा किया है। पैसे लेने के लिए मोहम्मद नफीस आते थे। पैसा जमा होने और अवधि जनवरी में ही पूरी हो गई थी, लेकिन पैसे बाद में देने कहा गया। मार्च से लॉकडाउन लगने के बाद और विलंब हो गया और जून माह में पैसे लेने पहुंचे बैंक कर्मचारी नफीस ने बताया कि 15 जुलाई को आइए। 15 जुलाई को पहुंचने पर पता चला कि बैंक बंद है और सभी कर्मचारी लापता हैं। अब किसी का फोन भी नहीं लग रहा है।
कोतवाली थाना प्रभारी वीके विश्वकर्मा ने बताया कि मामले की जांच करवाई जा रही है। इधर इस पूरे मामले को लेकर नागरिकों में नाराजगी है आकिर बैंकिग व निवेश के नाम पर धोखाधड़ी का यह पहला मामला नहीं है। लोगों ने कहा कि अगर बीच शहर में इस तरह का कोई बैंक चल रहा था, तो प्रशासन का समय रहते जांच करनी चाहिए। इससे पहले मध्य प्रदेश में चिटफंड कोरबारी लाखों लोगों की गाड़ी कमाई लेकर फरार हो चुके हैं।