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परिषद की बैठक में जमकर गूंजी राष्ट्रीय समस्या बन गई ‘घंटाघर सडक़’

katni council meeting

कटनीJan 21, 2025 / 08:34 pm

balmeek pandey

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पार्षद ने कहा कि महापौर-विधायक में तालमेल न होने से नहीं बन पा रही सडक़!, महापौर की दो टूक: पहले से है सैद्धांतिक स्वीकृति, उसी के अनुसार अधिकारी करें सडक़ पर काम
विधायक ने कहा कि महापौर सुलझी हुई हैं, अच्छे से काम करने वाली हैं, लेकिन उन्हें काम तो करने दो
नगर परिषद की बैठक में छाया रहा घंटाघर सडक़ का मुद्दा, चौड़ीकरण के बाद ही होगा निर्माण, कबतक मिलेगी राहत कोई डेटलाइन नहीं हुई तय

कटनी. नगर निगम परिषद की बैठक शहर विकास को लेकर 17 जनवरी को आयोजित की गई थी, कई घंटे तक चली बैठक में सिर्फ पार्षदों के प्रश्नों और कुछ मुद्दों में ही दिन बीत गया था। प्रस्तावों पर चर्चा नहीं हो पाई थी। इस दिन की स्थगित बैठक को सोमवार को अमली-जामा पहनाया गया। निगम सम्मिलन की बैठक में तीन प्रमुख प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। यह बैठक निगम अध्यक्ष मनीष पाठक की अध्यक्षता में हुई। सबसे पहले जैव विविधता कमेटी पर चर्चा हुई, जो अफसरों की कारगुजारी के कारण विवादों में कमेटी घिरी रही। इसके बाद प्रस्ताव क्रमांक दो में शहर की ज्वलंत समस्या जगन्नाथ चौक से घंटाघर तक सडक़ चौड़ीकरण के संबंध में चर्चा हुई। इस प्रस्ताव पर शुरुआती दौर में गतिरोध के हालात बने, लेकिन फिर विधायक संदीप जायसवाल, महापौर प्रीति सूरी और पार्षदों में सहमति बनी और शीघ्र सडक़ चौड़ीकरण कराते हुए निर्माण कराए जाने पर सहमति बनी और सदन ने भी इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी। इस दौरान कांग्रेस पार्षद मौसूफ अहमद ने भी जमकर घेरा। इस मामले में नगर निगम अध्यक्ष ने सभापति की आसंदी का आयुक्त को कहा कि पूर्व में लिए गए निर्णय के अनुसार कार्रवाई संपादित कराएं, यह मामला अब परिषद में नहीं आना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि उस सडक़ को अभी चलने योग्य बना दें। अध्यक्ष ने इस मुद्दे पर अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर कहा कि ये गोल-मोल घुमा रहे हैं।
सूची में गंभीर चूक: पार्षद
प्रस्ताव पढ़े जाते ही भाजपा पार्षद राजेश भास्कर ने कहा कि 2 करोड़ 50 लाख 26 हजार 334 रुपए क्षतिपूर्ति देने की अधिकारिता किसे है, तो कार्यपालन यंत्री सुधीर मिश्रा ने जवाब दिया कि क्षतिपूर्ति राशि देना नीतिगत विषय है, इसलिए परिषद में रखा गया है। पार्षद ने जब कहा कि अनुमान के अनुसार राशि क्यों तय की गई है तो इइ ने कहा कि मास्टर प्लान के अनुसार सडक़ चौड़ीकरण प्रस्तावित है, एसडीएम द्वारा निर्धारित राशि है। राजेश भास्कर ने कहा कि सूची में गंभीर चूक है। गलत दस्तावेजों के आधार पर व्यय राशि स्वीकृत करेंगे क्या?
तीन लोगों को देने होंगे 1.56 कराड़ रुपए: बहरे
पार्षद सोनू बहरे ने कहा कि अधिकारी क्षतिपूर्ति की बात कह रहे हैं। इस मामले में 3 लोग हाइकोर्ट से आदेश लेकर आ गए हैं, जिनमें सिर्फ 1 करोड़ 56 लाख रुपए का मुआवजा बना है। पूर्व के हुए निर्धारण में भी कई विसंगतियां हैं। ऐसे 21 लोग हैं जो मुआवजा के लिए। वास्तविक मूल्यांकन भी नहीं हो रहा। यहां पर 69 लोग भूमि स्वामी हैं व 68 का नजूल में निर्माण है। इस पर आयुक्त नीलेश दुबे ने कहा कि इस मामले में पीआइएल लगी थी, इस मामले में तत्कालिन आयुक्त एफीडेविड प्रस्तुत कर चुके हैं। क्षतिपूर्ति का निराकरण परिषद से होना है। 13 लोग न्यायालय में गए थे। 4 प्रकरण में वैल्यूअर ने राशि निर्धारित की है, जिस पर मुआवजा तय हुआ है। सभी मामलों में वैल्यूअर से राशि तय कराई जाएगी।
बैठक को लेकर झलकियां

  • एमआइसी सदस्य डॉ. रमेश सोनी ने सदन में सडक़ चौड़ीकरण कराते हुए निर्माण के प्रस्ताव पर मुहर लगाने की रखी मांग।
  • पार्षद शशिकांत तिवारी ने कहा कि एक माह बाद फिर आ रहा नवरात्र का पर्व, फिर गड्ढों वाले सडक़ में चलकर मंदिर पहुंचेंगे श्रद्धालु।
  • एमआइसी सदस्य व पार्षद सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि दी जा रही है क्षतिपूर्ति ना कि मुआवजा।
  • विधायक ने कहा कि 13-13 करोड़ रुपए मिशन चौक व खिरहनी फाटक के पास सडक़ चौड़ीकरण के लिए आ रह हैं।
  • 9-9 करोड़ रुपए से पीरबाबा व चाका सडक़ का चौड़ीकरण हो रहा है, इससे आवागमन में मिलेगी राहत।
  • पार्षद सीला सोनी ने भी सराफा में भवन एसोसिएशन को दिए जाने की रखी मांग, मीसाबंद लोटन प्रसाद के नाम से मार्ग का किया जाए नामकरण।
  • पार्षद बल्ली सोनी ने नगर निगम के कर्मचारी अमित सोनी को वापस नगर निगम बुलाए जाने की रखी मांग।
  • माधव नगर उपकार्यालय से 7-इलेवन तक क्षेत्र के महत्वपूर्ण नाला निर्माण की मांग को क्षेत्रीय पार्षद श्याम पंजवानी ने उठाया, घटित दुर्घटना से हुई जनहानि और वर्षा ऋतु में जल भराव की समस्या को विस्तार से बताया। विधायक संदीप जायसवाल ने भी आयुक्त को नाला निर्माण शीघ्रता से प्रारंभ कराए जाने कही बात।
भगवान रामचंद्र ने लक्ष्मण को ज्ञान लेने भेजा: मौसूफ
मौसूफ अहमद ने घंटाघर मार्ग पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि 3 मकानों का मुआवाजा पूरे का आधा है। चैत्र नवरात्र में ग्रीन कॉरीडोर बनाने की बात हुई, लेकिन एक साइड में सिर्फ ग्रे कारपेट डाली गई, वह भी मिट्टी में धंस गई थी। पार्षद ने महापौर को कहा कि आपके सलाहकारों की भावना अच्छी नहीं है। शहर की प्रमुख सडक़ मजाक बनकर रह गई है। सिर्फ वाहवाही बटोरी जा रही है। सडक़ को लेकर दो बड़े-बड़े धरने हुए, कभी लिखित तो कभी मौखिक आश्वासन दिया गया, पता नहीं कितने दिन में बन पाएगी। यह समस्या तो अब राष्ट्रीय समस्या बन गई है। पार्षद मौसूफ अहमद ने कहा कि विधानसभा में कह दिया गया कि कोई असंतोष नहीं है। चर्चा तो यह है कि महापौर और विधायक में तालमेल न होने के कारण घंटाघर सडक़ नहीं बन पा रही। विधायक एक लेयर बनाने की मांग कर रहे हैं, उसमें काम नहीं हो रहा। आप लोग कंधे से कंधा मिलाकर काम करें। मैं तो कहता हूं कि भगवान रामचंद्र ने भी लक्ष्मण को भेजा था कि रावण से ज्ञान लेकर आओ। इसलिए आप लोग जनता को इस भीषण समस्या से निजात दिलाएं। हम संख्याबल में कम हैं, नियमानुसार कार्रवाई करें
हम जनता को स्थायी समाधान देने के लिए हैं: महापौर
महापौर ने कहा कि मुझे कुछ बातों को सार्वजनिक तो नहीं करना चाहिए, लेकिन अगर कोई शहर विकास में कंधे से कंधे मिलाकर करने का काम करता है तो कुछ बातें उनपर भी करना जरूरी हो जाता है। जब महापौर पद का दायित्व मुझे मिला था तब उस कार्यकाल में मेरा साथ किसी भी संगठन के साथ नहीं था, लेकिन नगर क्षेत्र की जिम्मेदारी संभालने के बाद पहली प्राथमिकता मेरी जगन्नाथ चौक से घंटाघर की सडक़ चौड़ीकरण के कार्य को पूर्ण करना रही। मेरे दायित्व संभालने के बाद जब नगर निगम के अध्यक्ष का चुनाव हुआ तब इस सदन के समस्त पार्षदों ने आप पर अपना विश्वास जताया। महापौर ने अध्यक्ष को लेकर कहा कि आपने यह शब्द कहे थे कि महापौर घंटाघर सडक़ के चौडीकरण का सपना अब आपका बस नहीं है अब ये सपना मेरा भी है, हर सकारात्मक कार्यों में मिलकर काम करेंगे शहर हित के लिए। परिणामस्वरूप आज आपकी, मेरी और पूरे सदन की मेहनत का नतीजा है कि हम उस सडक़ के चौड़ीकरण के अंतिम चरण में पहुंच चुके हैं। एसडीएम द्वारा टीम गठन की कार्यवाही भी पूरी कर ली गई है। मेरी, आपकी और इस पूरे सदन की मेहनत का सम्मान देने के लिए चूंकि सडक़ चौडीकरण की स्वीकृति तो पहले ही पास की जा चुकी है, लेकिन आज इस अंतिम दौर के पश्चात आपके माध्यम से इस सदन से सर्व सम्मति से निर्णय पारित हो, क्योंकि हम जनप्रतिनिधि जनता को स्थायी समाधान देने के लिए हैं न कि अस्थायी।
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मतभेद की चर्चा सिर्फ सोशल मीडिया में: विधायक
जब कांग्रेस पार्षद ने महापौर और विधायक के बीच चल रही टकराहट को लेकर छेड़ा तो जवाब में विधायक ने कहा कि पार्षद सही कह रहे हैं कि मतभेद है। मत में अंतर हो सकता है, लेकिन यह चर्चा सोशल मीडिया की है। महापौर का मत है कि सडक़ चौड़ीकरण कर बनाया जाए, लेकिन समस्या गंभीर है, इसलिए एक लेयर डाल दी जाए, इससे चौड़ीकरण में कोई रुकावट नहीं आएगी। मैने भी 28 अक्टूबर की बैठक में चौड़ीकरण की बात कही है। नवरात्र फिर आ रही है, समस्या होगी। अधिकारी शासन के निर्देश पर काम करें। भू-अर्जन तेजी से करें। मुझे यह घमंड नहीं होना चाहिए कि मैं ही सही हूं। विकास क्या हो रहा है, सब देख रहे हैं। पूर्व में 13 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना के तहत आए थे चौड़ीकरण के लिए लेकिन जहां पर ज्यादा खर्च वाला काम था, उसे रोक दिया गया, यदि यहां पर पहले काम होता तो यह समस्या नहीं होती। विधायक ने अधिकारियों को कहा कि आप लोग जवाब देना सीखें और बगैर प्रभावित हुए कलम लचाएं। महापौर को आप लोग प्रक्रिया बताएं। नियम के अनुसार प्रस्ताव नहीं है तो आयुक्त रोक लगा सकते हैं।
बैठक में पढ़े गए तारीफ के कसीदे
शहर की जनता भले ही समस्याओं से घिरी है, गंभीर पीड़ा भुगत रही है, लेकिन जनप्रतिनिधि सिर्फ अपनी देख रहे हैं। शीघ्र समस्या का हल निकले, इस पर कोई मुखर नहीं दिखा, लेकिन विधायक और महापौर ने एक दूसरे के तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े। बैठक में विधायक संदीप जायसवाल ने कहा कि महापौर सुझली हुईं हैं, बहुत अच्छे से काम करने वाली हैं, लेकिन उन्हें काम तो करने दो। तो वहीं महापौर प्रीति सूरी ने भी जमकर तारीफ की। सडक़ निर्माण व शीघ्र विकास कार्य के लिए जनप्रतिनिधि भगवान जगन्नाथ व मां जालपा से आशीष मांगते दिखे व जमकर जयकारे लगाए।
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आरोपों से घिरी रही गठित की गई जैव विवधता टीम
बैठक के शुरुआत में प्रस्ताव क्रमांक-1 जैव विविधता प्रबंधन समिति के गंठन के संबंध में चर्चा शुरू हुई तो यह आरोपों से घिरी रही। नगर निगम के अधिकारियों ने बगैर नियमों का पालन किए ही समिति का गठन कर लिया था व महापौर को बगैर निर्वाचन के अध्यक्ष चुन लिया था। जब भाजपा पार्षद व कांग्रेस पार्षदों ने आड़े हाथों लिया तो अधिकारी गोलमोल जवाब देते रहे। बाद में यह कह दिया कि अंतिम स्वीकृति के लिए प्रस्ताव परिषद में रखा गया है। गठित कमेटी में सदस्यों के नाम पर भी आपत्ति दर्ज कराई गई और नियमों की जानकारी ली गई। मौसूफ अहमद ने कहा कि जैव विविधता क्या है, प्रबंधन समिति क्यों बनाई गई है और सदस्य किस आधार पर बना लिए गए, चुनाव कब और कैसे हो गए, तो सहायक प्रभारी यंत्री आदेश जैन, उपायुक्त पवन अहिरवार व आयुक्त नीलेश दुबे ने विस्तार से बताया, लेकिन कमेटी गठन कर लेने पर जवाब नहीं दे पाए। इस कमेटी को भी विधायक ने भी आड़े हाथों लिया और अधिकारियों से कहा कि महापौर को अध्यक्ष नहीं बनाना था, यह कमेटी तो महापौर की निगरानी में काम करेगी। आउटसोर्स जैसे यहां भी मनमानी हो रही है। विधायक ने इसी एमआइसी से कराने कहा तो महापौर ने कहा कि इसमें परिषद ही निर्णय ले। आयुक्त ने सदन में स्वीकार किया कि इसके गठन में त्रुटि प्रतीत हो रही है, इसलिए निर्णय के लिए मामला परिषद में है। बैठक में प्रस्ताव क्रमांक 3 योजना क्रमांक 6 नगर सुधारान्यास के अंतर्गत कलेक्ट्रेट के सामने नवनिर्मित काम्प्लेक्स/दुकान, हॉल की नीलामी के संबंध में चर्चा हुई, जिसमें सैद्धांति स्वीकृति दी गई है।

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