संगठन ने उठाया मुद्दा
पीडि़त परिवार ने इसकी सूचना अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार सुरक्षा संगठन को दी। संगठन के लोग सीधे अस्पताल पहुंच गए और यहां के मैनेजर तिवारी से रुकमणि कुशवाहा के उपचार में आयुष्मान कार्ड लेने के बाद भी रुपए जमा कराने के संबंध में बात की तो प्रबंधन ने इलाज करने से ही मना कर दिया। इस पर परिजनों व संगठन के लोगों ने पुलिस अधीक्षक से शिकायत कर जांच कराने मांग की है। पुलिस ने इस मामले को जांच में लिया है। इस मामले को लेकर संचालक डॉ. ऋषि जैन का कहना है कि जबतक परिजनों ने आयुष्मान कार्ड जमा नहीं किया था, उस समय तक के रुपए लिए गए हैं। जबसे कार्ड चालू हुए है, रुपए नहीं लिए गए। परिजनों को भ्रम की स्थिति है। परिजनों व संगठन द्वारा लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं।
सात अस्पताल हैं अधिकृत
जानकारी के अनुसार शहर में आयुष्मान योजना के तहत सात निजी अस्पताल अधिकृत हैं। इसमें एमजीएम, धर्मलोक, चांडक, वर्धमान हॉस्पिटल, कटनी लाइफ केयर, गुरुकृपा, जीजी नर्सिंग होम शामिल हैं। पूर्व में एक और निजी अस्पताल की आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी 2.4 लाख रुपए वसूल किए जाने की शिकायत हुई है, जिसकी प्रशासन द्वारा जांच कराई जा रही। उल्लेखनीय है कि अस्पताल में पहले जान को खतरा, प्रोसेसिंग में समय लगने आदि का भय दिखाकर प्रबंधन रुपए जमा करा लेते हैं। कई जांचों को आयुष्मान के दायरे में न होने की बात कहकर जमकर राशि वसूली की जाती है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस विषय पर ध्यान नहीं दे रहा।
वर्धमान अस्पताल की शिकायत प्राप्त हुई है। आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी राशि जमा कराई गई है। इस मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई होगी। अन्य अस्पतालों की भी जांच कराएंगे।
डॉ. आरके अठया, सीएमएचओ।