ब्लॉक डेंगू चिकनगुनिया
बहोरीबंद 08 03
बड़वारा 02 00
उमरियापान 01 01
विगढ़ 03 01
रीठी 01 00
कटनी 41 01
कन्हवारा 02 00 दावों की पोल खोल रहा डेंगू का लार्वा
स्वास्थ्य विभाग की नाकामी स्वास्थ्य विभाग और जिला मलेरिया विभाग के तमाम दावों के बावजूद, मच्छरों और लार्वा को नियंत्रित करने के लिए कोई ठोस अभियान नहीं चलाया जा रहा है। विभाग की उदासीनता के चलते डेंगू की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं, जिसका नतीजा यह है कि हर साल डेंगू के मामले सामने आते हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। इस वर्ष भी वही स्थिति बनी हुई है, जहां मच्छरों की बढ़ती संख्या और गंदगी की समस्या ने बीमारी को और फैलने का मौका दिया है।
शहर में ज्यादा प्रकोप
गंदगी और मच्छरों का अड्डा शहर बन गया है। विभिन्न इलाकों में गंदगी का आलम है, जिससे मच्छरों को पनपने का भरपूर मौका मिल रहा है। खासकर शहरी क्षेत्रों में गंदे पानी के जमाव के कारण मच्छर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई ठोस सफाई अभियान नहीं चलाया गया, जिसके चलते लोग गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।
मच्छरों के काटने से सबसे ज्यादा बच्चे बीमार हो रहे हैं। अस्पतालों में भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाने या मच्छरों को मारने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। बच्चों के स्वास्थ्य पर इसका गंभीर असर पड़ रहा है, जिससे अभिभावकों में चिंता बढ़ती जा रही है। प्रशासन से लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और जिला मलेरिया विभाग तुरंत ठोस कदम उठाएं। पूरे जिले में सफाई अभियान चलाया जाए और मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए लार्वा नियंत्रण अभियान चलाया जाए।
निजी अस्पतालों में मरीजों से हो रही लूट
सरकारी अस्पतालों में डेंगू के इलाज की सुविधाओं की कमी और बढ़ती मरीजों की संख्या के चलते लोग निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। लेकिन निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर मरीजों से भारी फीस वसूली जा रही है। इससे आम जनता आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हो रही है। डेंगू के मरीजों को उचित इलाज और सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी प्रशासन पूरी तरह असफल रहा है।
- शहर में साफ-सफाई की भारी कमी है। जगह-जगह गंदगी और पानी का जमाव मच्छरों के लिए अनुकूल वातावरण बना रहा है।
स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की ओर से मच्छरों के नियंत्रण के लिए कोई सघन अभियान नहीं चलाया जा रहा है।
डेंगू से बचाव के उपायों की जानकारी जनता तक नहीं पहुंचाई जा रही है, जिससे बीमारी के फैलने की गति बढ़ रही है।
घर और आसपास सफाई रखें: घर के आसपास पानी का जमाव न होने दें। गंदगी की समस्या को हल्के में न लें।
मच्छरदानी का इस्तेमाल करें: सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और खिड़कियों पर मच्छर निरोधक जाल लगाएं।
फुल आस्तीन के कपड़े पहनें: बच्चों और वयस्कों को मच्छरों से बचाने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनाएं।
स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों का पालन करें: स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और मच्छरों से बचाव के लिए घरेलू उपाय अपनाएं।
- अचानक तेज बुखार
- सिर में आगे की ओर तेज दर्द
- मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द
- पेट में तेज दर्द
- मसूड़ा, त्वचा व नाक से खून रिसना
- आंखों के पीछे दर्द, आंख हिलाने में दर्द
यह बात सही है कि जिले में डेंगू के केस बढ़ रहे हैं। 58 केस आना यह चिंता का विषय है। आइसीएममआर से भी कुछ सेम्पल क्रॉस चेक कराए गए हैं। 24 केस की पुष्टी हो गई है। जहां-जहां मरीज सामने आए हैं वहां-वहां टीम को भेजकर सर्वे कराया जाएगा। बहोरीबंद व शहरी अर्बन में अधिक सर्वे कराया जाएगा। बीमारी के नियंत्रण के लिए प्रयास किए जाएंगे। लार्वा खत्म करने के लिए एक लाख 80 हजार गंबूसिया मछली डलवाई गई है। 57 हजार 100 मच्छरदानियों का वितरण किया गया है। सेर्व, फॉगिंग स्प्रे, लार्वा विनष्टीकरण कराया जा रहा है।
डॉ. आरके अठया, सीएमएचओ।