जिनके पट्टे निरस्त किए गए हैं, उनमे आंध्र और बॉम्बे रोड कैरियर मिर्जापुर रोड कटनी, बजरंग गुड्स ट्रांसपोर्ट कटनी, दिल्ली एमपी ट्रांसपोर्ट कंपनी कटनी, ट्रांसपोर्ट कंपनी कटनी, न्यू दिल्ली एमपी रोड लाइंस कटनी, जय अंबे ट्रांसपोर्ट सर्विस कटनी, डीएमपी गुजरात रोडलाइंस एवं ट्रांसपोर्ट कंपनी कटनी शामिल है।
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यह बनी थी योजना
मप्र शासन नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय के आदेशानुसार 29 सितंबर 2010, मेयर इन काउंसिग के प्रस्ताव क्रमांक 5 दिनांक 11.02.2011 एवं नगर पालिका निगम परिषद के प्रस्ताव दिनांक 28 जून 2011 में लिए गए निर्णय के अनुसार शहर में नगर निगम सीमा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पुरैनी में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए भूमि अनुबंधित की गई थी। जिसमे स्थाई लीज, भूमि के ब्याज आदि सहित पूर्व अनुपातिक मूल्य एवं विकास में हुए व्यय के आधार पर ना लाभ ना हानि के आधार पर भूखंड आवंटित किए गए थे। नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 80 के अंतर्गत निर्मित मप्र नगर पालिक निगम अचल संपत्ति का अंतरण नियम 1994 में उल्लिखित प्रावधान को शिथिल कर नगर पालिका निगम द्वारा ग्राम पुरैनी नंबर बंदोबस्त 143 हल्का नंबर 40 खसरा नंबर 146 में से 20 हेक्टेयर रकबा में ट्रांसपोर्ट नगर योजना विकसित की गई थी। 28 फरवरी 2012 को लाटरी पद्धति से प्रदीप तिवारी पिता अखिलेश तिवारी आंध्र और बॉम्बे रोड कैरियर मिर्जापुर रोड के नाम से भूखंड आवंटित किया जाकर दिनांक 6 जनवरी 2020 को पट्टा अनुबंध पंजीयन विभिन्न शर्तों के अधीन निष्पादित किया गया था।
ट्रांसपोर्ट का कारोबार शहर में होने से लाखों लोगों को हो रही परेशानी व पुरैनी में कई साल से कारोबार शुरू न हो पाने की समस्या को पत्रिका ने प्रमुखता से सिलसिलेवार उजागर किया। ‘अफसर नेता बेदर्द जनता भुगत रही दर्द’, ‘विधायक ने 115 अतिरिक्त ट्रांसपोर्टरों के लिए मांगी जमीन’, ‘महापौर ने कहा-शिफ्ट नहीं तो आवंटित प्लाट होंगे निरस्त’, ‘ट्रांसपोर्ट नगर: तारीख पर तारीख मिली, लेकिन वादा सिर्फ वादा ही रह गया…।’ ‘शीघ्र शहर से बाहर होगा ट्रांसपोर्ट कारोबार:महापौर’, ‘नोटिस की मियाद पूरी, नगर निगम ने नहीं की कोई कार्रवाई, फिर मोहलत का खेल’, ‘पत्रिका टॉक-शो में बोले शहरवासी-पुरैनी में शिफ्ट हो ट्रांसपोर्ट कारोबार’ नामक शीर्षक से खबरें प्रकाशित की, जिसके बाद नगर निगम के जिम्मेदार हरकत में आए और बड़ी कार्रवाई की है।
यह है नियम
पट्टा अनुबंध की कंडिका 8 के अनुसार आवंटित भूखंड पर आवंटन दिनांक से 1 वर्ष की अवधि में निर्माण पूरा करना अनिवार्य था, जिस आशय का शपथ पत्र भी दिया गया था। पट्टा अनुबंध की कंडिका 15 के अनुसार आवंटित भूखंड में नगर पालिका निगम कटनी द्वारा स्वीकृत ड्राइंग डिजाइन के अनुसार स्वयं के व्यापार एक वर्ष की अवधि में निर्माण न करने की दशा में आवंटन निरस्त किए जाने का प्रावधान था। पट्टा अनुबंध की कंडिका 16 के अनुसार उभय पक्षों के मध्य किसी विवाद की दशा में इसका निर्णय प्रथम पक्ष द्वारा नियुक्त किए गए आर्बीटेटर द्वारा किया जाएगा।
- पट्टा अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन संबंधी शिकायत प्राप्त होने पर 30 दिवस की अवधि में निर्माण कार्य किए जाने संबंधी प्रमाण चाहे गए थे, प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए।
- ट्रांसपोर्ट नगर पुरैनी में व्यवसायों द्वारा किए जा रहे व्यवसाय निर्माण कार्यों के संबंध में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। पट्टाधारियों के संबंध में बिंदुओं पर प्रतिवेदन चाहा गया था। जांच दल द्वारा मौके पर स्थल निरीक्षण करते हुए पंचनामा तैयार किया गया।
- प्रदीप तिवारी द्वारा विभिन्न जांच बिंदुओं तथा पट्टा अनुबंध प्रावधानों एवं शर्तों का पालन नहीं किया गया। मेयर इन काउंसिल की बैठक के प्रस्ताव अनुसार ऐसे ट्रांसपोर्टर, जो कहीं भी कोई व्यवसाय नहीं कर रहे हैं को आवंटित भूखंड का अनुबंध करते हुए भूखंड का आधिपत्य वापस लेने का निर्णय भी सर्वसम्मति से लिया गया।
पुरैनी स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के लिए भूखंड का आवंटन होने के बाद भी अपना व्यवसाय शुरू नहीं करने पर नगर निगम प्रशासन द्वारा कार्रवाई की है। 8 ट्रांसपोर्टरों के पट्टा अनुबंध को निरस्त करते हुए उन्हें स्पीड पोस्ट द्वारा सूचना भेजी गई है। शेष लोगों को शीघ्र कारोबार शुरू करने कहा गया है।
नीलेश दुबे, आयुक्त नगर निगम।