जानकारी के अनुसार आटोमेटिक वेदर स्टेशन में तकनीकि खराबी के चलते मशीन पूरी तरह से ठप हो गई है। मशीन के सुधार के लिए स्थानीय स्तर पर टेक्नीशियन न होने के कारण केंद्र के वैज्ञानिक भी हलाकान है। ठंड के मौसम में कोहरा, शीतलहर व बारिश के अनुमान को लेकर भी वैज्ञानिक आशंकित है। ऐसी स्थिति में आगामी मौसम के बारे में किसानों को जानकारी नहीं मिल रही है और न ही शीतलहर की आशंका पर अलर्ट जारी किया जा रहा है।
इसलिए जरूरी है मौसम की जानकारी
प्र्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को आगामी पांच दिन के मौसम का नाऊकास्ट बनता है। 12 घंटे के लिए भी नाऊकास्ट तैयार होता था। एडवायजरी के बारे में जानकारी मिल जाती है, लेकिन स्टेशन बंद होने से समस्या हो रही है।इस खास छात्रवृत्ति के लिए 4246 विद्यार्थियों ने ने दिया इम्तिहान
ठंड एवं शीतलहर से बचाव के लिए जारी की एडवाइजरी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा शीतलहर से बचाव के लिए नागरिकों को सलाह दी गई है कि शीतलहर का प्रभाव प्रत्येक वर्ष दिसम्बर-जनवरी के महीनों में होता है। डॉ. आरके आठ्या ने बताया कि शीत लहर का नकारात्मक प्रभाव 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों, वृद्धजनों पर अधिक होता है। इसके अतिरिक्त दिव्यांगजनों, बेघर व्यक्तियों, दीर्घकालिक बीमारियों से पीडि़त मरीजों एवं खुले में व्यवसाय करने वाले छोटे व्यापारियों पर भी शीत लहर का प्रभाव पड़ता है। ठंड एवं शीतलहर से नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू, नाक-कान से खून आना, हाथ की ऊंगलियों, कान-नाक अथवा पैर की ऊंगलियो में सफेदी या फीकापन, कपकपी आना, बोलने में कठिनाई, अधिक नींद अना, मांसपेसियो में अकडऩ, सांस लेने में तकलीफ, कमजोरी, हाईपोथरमिया, अत्पताप जैसे लक्षण सामान्यत पाए जाते है।आटोमेटिक वेदर स्टेशन खराब हो गया है। स्थानीय स्तर पर इंजीनियर न होने के कारण सुधार नहीं हो पा रहा है। रीजनल मौसम केंद्र भोपाल इस संबंध में जानकारी भेजी गई है।
संदीप चंद्रवंशी, मौसम एवं कृषि वैज्ञानिक