शहर की सडक़ों की बदहाली का असर केवल स्थानीय लोगों तक ही सीमित नहीं है। जो लोग व्यापार या अन्य कामों से बाहर से शहर में आते हैं, उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। बाहर से आए लोग जब इन खराब सडक़ों से गुजरते हैं, तो शहर की छवि पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। शहर के नागरिक अब इस सवाल का जवाब चाहते हैं कि कब तक उन्हें इस समस्या से जूझना पड़ेगा? क्या नगर निगम इस गंभीर समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा, या फिर यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहेगा?
यह है शहर की सडक़ों के नजारे
– बरगवां की यह मॉडल रोड है, जो करोड़ों रुपए की लागत से कुछ वर्ष पहले बनी है। मार्ग के परखच्चे उड़े हैं। विशाल मेगा मार्ट के सामने सडक़ चलने लायक तक नहीं बची।
- जगन्नाथ चौक से घंटाघर
- आदर्श कॉलोनी से शहीद द्वार
- जगन्नाथ चौक से आजाद चौक
- अहिंसा तिराहा से मुड़वारा स्टेशन
- सिविल लाइन से गायत्री नगर
- बरगवां से झिंझरी मोड़ तक
- बस स्टैंड से लेकर चाका
बारिश अंतिम दौर में चल रही है। मौसम खुलते ही सडक़ों की मरम्मत कराई जाएगी। जहां पर ज्यादा गड्ढे हैं उनका पैंचवर्क कराने नगर निगम को कहा गया है। नगर निगम के अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए जाएंगे कि जबतक नई सडक़ नहीं बनती, तबतक उसमें रिपयेरिंग वर्क कराएं।
दिलाप यादव, कलेक्टर।