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शक हुआ तो फोन लेकर पहुंचा कोतवाली
पीडि़त ने बताया कि साइबर अधिकारी के रुपए मांगते ही मुझे शक हुआ तो मैंने ऑनलाइन की दुकान जाकर रुपए भेजने की बात कही। इसपर कथित अधिकारी ने कहा कि ठीक है और दूसरा नंबर देकर उसपर रुपए भेजने कहा। इसी बीच पीडि़त दोपहिया वाहन से कोतवाली थाना पहुंचा और पुलिस को पूरी जानकारी दी। हालांकि इसके बाद न तो पीडि़त के पास फोन आया और न ही उस नंबर से संपर्क हो सका।
अभिभावक ने बताया कि उनकी बेटी कक्षा सातवीं में पढ़ाई करती है। बेटी कई बार पढ़ाई के लिए स्मार्टफोन का उपयोग करती है और अपने दोस्तों से भी बात करती है। साइबर कॉल आने पर पहले तो लगा कि हो सकता है कि किसी ने पोर्न वीडियो मोबाइल पर भेज दिए हो लेकिन जब रुपए मांगे तब उन्हें लगा कि यह ठगी के लिए किया गया कॉल है।
गायत्रीनगर क्षेत्र में एक अभिभावक को उनकी बेटी के नाम पर फोन करते हुए प्रकरण में फंसाने की धमकी देकर रुपए मांगने की फ्रॉड कॉल आई थी। अभिभावक को शक हुआ तो उन्होंने कोतवाली आकर जानकारी दी। आवेदन देकर साइबर सेल को इस संबंध में सूचित किया गया है। आमजन से लगातार अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें और ऐसे फ्रॉड कॉल से बचें।
आशीष शर्मा, टीआई, कोतवाली
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चौक-चौराहों पर पुलिस लगा रही चौपाल
साइबर अपराधों को रोकने व साइबर क्राइम के प्रति सजग करने के लिए पत्रिका द्वारा पत्रिका रक्षा कवच अभियान चलाया जा रहा है वहीं स्लीमनाबाद पुलिस द्वारा जनजागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थाओं के साथ अब पुलिस चौक चौराहों पर रात्रि-चौपाल लगा साइबर क्राइम को लेकर जागरूकता ला रही है। बीती रात स्लीमनाबाद पुलिस के द्वारा तिराहा पर अलाव लगाकर चौपाल लगाई। यहां व्यापारियों व ग्रामीणजनो को साइबर अपराध को लेकर जागरूक किया। स्लीमनाबाद थाना प्रभारी अखिलेश दाहिया ने साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि किसी भी अनजान व्यक्ति से अपना ओटीपी शेयर न करें। किसी अनजान के साथ आधार नंबर, ईमेल आईडी, सत्यापन कोड व अन्य किसी भी तरह की निजी जानकारी साझा नहीं करें। इन दिनों मोबाइल पर अनेक प्रकार के मैसेज आते हैं, जिनको क्लिक करते ही आपका सारा डाटा साइबर अपराधियों के पास चला जाता है और आप ठगी का शिकार हो जाते हैं।
यह भी दी गई जानकारी
इसके लिए उन्होंने कहा कि एसएमएस व वाट्सअप के माध्यम से आए किसी भी लिंक को क्लिक न करें। फोन, ईमेल, एसएमएस या वाट्सअप पर आए नौकरी, लाटरी जैसे विज्ञापनों पर विश्वास न करें। एटीएम से पैसे निकालते या जमा करते समय किसी भी अंजान व्यक्ति की सहायता न लें। अपने एटीएम पिन को समय समय पर बदलते रहें। फोन और एप को हमेशा नए वर्जन के साथ अपडेट रखें और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जरूरत से ज्यादा निजी जानकारियां शेयर न करें। वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल आपके बैंक खाते से रुपये चुराने के लिए किया जा सकता है,इसलिए उसे किसी अन्य से साझा करने से बचे। अगर किसी भी प्रकार का साइबर अपराध होता है,या फिर कोई ऑनलाइन ठगी का शिकार होता है तो इसकी शिकायत नजदीकी पुलिस थाना में शिकायत दर्ज कराएं साथ ही कहा कि घबराएं नहीं पुलिस को अपना मित्र समझे ओर संपर्क करें।