स्वच्छता विभाग में बड़ा झोल
स्वास्थ्य विभाग में बड़ी गड़बड़ी उजागर हुई है। यहां पर 514 श्रमिकों को आउटसोर्स में रखा गया है। आदर्श कार्मिक संरचना के अनुसार 516 पदों की स्वीकृति है। 191 पद रिक्त हैं व 325 भरे हुए हैं। इस विभाग में 161 नियमित, 68 विनियमित, 335 फिक्स वेतन, 33 दैवेभो व 514 आउटसोर्स में हैं। प्रावधान के अनुसार 500 की जनसंख्या में एक सफाई मित्र की आवश्यकता है। ननि द्वारा समय-समय पर अन्य कार्य व्यवस्था के तहत सफाई सहित गेंग लगाकर सफाई कराई जाती है। कुछ कर्मचारी गाडिय़ों में भी हैं। 750 कर्मचारियों से भी सफाई व्यवस्था सुनिश्ति हो सकती है। शहर में 45 वार्ड के मान से 10-10 सफाई मित्र दिए जाने चर्चा की गई, जिनकी संख्या 450 होती है। प्रति वार्ड 5 अतिरिक्त सफाई मित्र, बाजार क्षेत्र के वार्डों में 50 श्रमिक, 6 प्रभारी स्वच्छता निरीक्षकों के पास 30 श्रमिक, 35 स्वच्छता अधिकारी के नियंत्रण में, 35 हांका गेंग के लिए सहित कुल 635 श्रमिक रखे जाने पर चर्चा हुई। शहर की अनुमानित जनसंख्या 2.80 लाख व अधिकतम 3 लाख आबादी के मान से 600 सफाई मित्रों की ही आवश्यकता है। 597 कर्मचारी कार्यरत हैं। समिति द्वारा विभागीय अधिकारी की मांग पर कुल 150 अकुशल व 6 कुशल श्रमिकों को स्वास्थ्य विभाग के कार्य के लिए आउटसोर्स में रखे जाने की अनुशंसा की गई है।
जानकारी के अनुसार इस मामले की जांच के लिए 10 सदस्यीय अधिकारी-कर्मचारियों की छानबीन समिति बनी है। इसमें इध्यक्ष उपायुक्त पवन अहिरवार, सचिव व सदस्य ओएस नागेंद्र पटेल सहित कार्यपालन यंत्री सुधीर मिश्रा, राहुल जाखड़, राजस्व अधिकारी जागेश्वर पाठक, प्र सहायक यंत्री आदेश जैन, प्र स्वास्थ्य अधिकारी संजय सोनी, सिटी मिशन मैनेजर यश रजक, स्वच्छता निरीक्षक निशांत कनौजिया, मदन मोहन चौकसे को सदस्य बनाया गया है।
छानबीन समिति ने ननि के आदर्श कार्मिक संरचना में स्वीकृत पद, भरे एवं रिक्त पदों की जानकारी मुख्य स्थापना शाखा व आउटसोर्स श्रमिकों की जानकारी राष्ट्रीय शहरी अजीविका मिशन से चाही गई। जानकारी की टीम ने परीक्षण किया। आदर्श कार्मिक संरचना में 586 पद स्वीकृति के विरुद्ध 385 पद भरे पाए गए। 471 पद रिक्त हैं। अजीविका मिशन की सूचना अनुसार आउटसोर्स में 815 श्रमिक कार्यरत पाए गए।
एनयूएलएम में है यह स्थति
जांच में पाया गया कि एनयूएलएम में 3 पद स्वीकृत हैं, एक पद रिक्त है, लेकिन यहां पर 6 श्रमिकों को आउटसोर्स में रखा गया है। सिटी मिशन मैनेजर-2, सामुदायिक संगठक-3, लेखा कार्य-1, कार्यालय सहायक-1, कम्प्यूटर ऑपरेटर-1, भृत्य-1 है। शासन द्वारा 9 पद स्वीकृत किए गए हैं, 3 की पदस्थापना की गई है, जिसके चलते आउटसोर्स से व्यवस्था की गई है। अब यहां पर 5 लोगों को रखने की अनुशंसा की गई है।
- संबल कार्य के लिए रखे गए हैं तीन कर्मचारी, एक को ही रखने की गई अनुशंसा।
- आइएचएसडीपी योजना में हैं 6 चौकीदार, तीन माह के लिए की गई अनुशंसा।
- अतक्रमण शाखा में 15 कर्मचारियों के साथ पर 12 रखने की हुई अनुशंसा।
- अग्निशामक विभाग में 54 कर्मचारी हैं तैनाम, 51 को रखने हुई अनुशंसा।
- राजस्व विभाग में तैनात हैं 23 श्रमिक, 15 रखे जाने बनी सहमति।
- प्रधानमंत्री आवास में हैं 10 कर्मचारी, 4 को रखने हुई अनुशंसा।
- जलप्रदाय विभाग में 15 कर्मचारी आउटसोर्स के, एक की भी नहीं है आवश्यकता।
बस स्टैंड ऑडिटोरियम में चौकीदार व वेंकट लाइब्रेरी में 6 कर्मचारियों को रखा गया है। यहां पर प्रतिवर्ष 3 लाख रुपए प्रतिवर्ष व्यय हो रहा है, जबकि आय मात्र 1.93 लाख हो रही है। यहां का काम एजेंसी को सौंपने कहा गया है, जिससे आय बढ़ेगी और खर्च नहीं होगा। साधुराम में 6 कर्मचारियों के स्थान पर 4 रखे जाने बात कही गई है। केसीएस स्कूल में 7 में से 6 कर्मचारी, ए रवींद्र राव स्कूल में 5 श्रमिकों को रख गया है, जहां पर 3 के रखने की अनुशंसा की गई। उद्यान शाखा में 34 कर्मचारी रखे गए हैं। यहां के भी कार्य को एजेंसी को सौंपने की अनुशंसा की गई है।
नगर निगम में विगत माह आउटसोर्स कर्मचारियों का सत्यापन कराया गया था। 277 कर्मचारी सत्यापन में नहीं पहुंचे। इसके बाद छानबीन कमेटी गठित की गई थी। कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इसमें 344 अतिरिक्त कर्मचारी हैं। जांच रिपोर्ट का अंतिम परीक्षण कराया जाएगा, इसके बाद स्वीकृत पद से अधिक कर्मचारियों को बाहर किया जाएगा।
शिशिर गेमावत, प्रभारी आयुक्त।