scriptहिरों की नगरी सूरत में उद्यमी, समाज सेवक और श्री बजरंग सेना के प्रमुख हितेश विश्वकर्मा द्वारा गरीब बच्चे और सैंकड़ों लोगों को मिल रही है सहायता | Poor children and hundreds of people are getting help by Hitesh Vishwakarma | Patrika News
काठमांडू

हिरों की नगरी सूरत में उद्यमी, समाज सेवक और श्री बजरंग सेना के प्रमुख हितेश विश्वकर्मा द्वारा गरीब बच्चे और सैंकड़ों लोगों को मिल रही है सहायता

हिरों की नगरी सूरत में सैकड़ों ग़रीब परिवारों के बच्चे मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ज्ञान अर्जन कर रहे हैं। भारत सरकार के द्वारा लाए गए शिक्षा अधिकार कानून का सर्वाधिक इस्तेमाल कर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमज़ोर पृष्ठभूमि के बच्चों को प्रवेश देने का श्रेय 36 वर्षीय हितेश विश्वकर्मा जी को जाता है।

काठमांडूJan 20, 2022 / 06:26 pm

मसूद आलम

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हिरों की नगरी सूरत में सैकड़ों ग़रीब परिवारों के बच्चे मान्यता प्राप्त विद्यालयों में ज्ञान अर्जन कर रहे हैं। भारत सरकार के द्वारा लाए गए शिक्षा अधिकार कानून का सर्वाधिक इस्तेमाल कर मान्यता प्राप्त विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमज़ोर पृष्ठभूमि के बच्चों को प्रवेश देने का श्रेय 36 वर्षीय हितेश विश्वकर्मा जी को जाता है।
विगत चार वर्षों में हितेश विश्वकर्मा जी ने अनेक विख्यात विद्यालयों में आरटीआई कानून के प्रभावी इस्तेमाल के द्वारा 700 से भी अधिक बच्चों को प्रवेश दिलवाया है। एल्युमिनिअम सेक्शन के उत्पादक एवम् सप्लायर हितेश विश्वकर्मा जी ने कहा, “ग़रीब पृष्ठभूमि के बच्चों को कोई फीस भरे बिना प्रतिष्ठित विद्यालयों में पढ़ते देख मुझे अत्यधिक ख़ुशी और हर्ष होता है। पीछले चार वर्षों में आरटीआई कानून के तहत कई प्रतिष्ठित विद्यालयों में 700 से अधिक बच्चों को प्रवेश मिला है।”
हितेश विश्वकर्मा जी कहते हैं कि 16 मई 2017 को अयोध्या में राम मन्दिर निर्माण हेतु उन्होने नई दिल्ली के जंतर मंतर में पांच दिन का अनशन किया था। वे अयोध्या गए और उन्होने वहाँ मन्दिर का भूमि पूजन किया था और सूरत और अयोध्या में 2018- 19 के बीच उन्होने तीन बार राम कथा का आयोजन किया था। “अधिकांश लोग अब कई केन्द्र एवम् राज्य सरकार की योजनाओं को जानते हैं। MAA कार्ड, राशन कार्ड और विविध सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए मैने शहर के सैकड़ों लोगों की सहायता की है।
हितेश विश्वकर्मा जी ने श्री बजरंग सेना इस हिन्दु संस्था की स्थापना 2019 में की। विगत दो वर्षों में लगभग 20,000 सदस्यों ने इस सेना में प्रवेश किया है और वे देश में हिन्दुत्व के प्रसार के लिए कार्यरत हैं।

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