करौली जिला मुख्यालय पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश आफत बन गई है। रविवार को दूसरे दिन भी सुबह 235 एमएम बारिश हुई, जिसने हालात बिगाड़ कर रख दिए। एक साथ 9 इंच से अधिक बारिश होने से शहर की निचली बस्तियां जलमग्न हो गई। करीब तीन दर्जन लोगों को सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
मौसम विभाग के मुताबिक पूर्वी राजस्थान के करौली जिले ने देशभर में रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यहां सबसे ज्यादा 280 एमएम बारिश दर्ज किया। करीब 15 इंच पानी बरसने से नदी-नाले ही नहीं, शहर की मुख्य सड़कें भी दरिया बन गई। इसके अलावा करौली के पंचना में 280 एमएम बारिश दर्ज की गई।
रेस्क्यू में जुटी सिविल डिफेंस और एसडीआरएफ की टीमें
करौली में अधिकतर जगह अधिक जलभराव के चलते दुकानों में पानी भर गया। लोग दुकानों से सामान समेटते नजर आए। जलभराव से उन्हें नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, वीर हनुमानजी क्षेत्र, गायत्री नगर, पावर हाउस के समीप आदि स्थानों पर घरों में पानी घुसने से घरेलू सामान खराब हो गया। शहर में जलभराव क्षेत्रों में सिविल डिफेंस की टीम भी पहुंची। इस दौरान करीब तीन दर्जन लोगों को सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कलक्टर नीलाभ सक्सेना और पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है।
1982 के बाद इस बार जलभराव से करोड़ों का नुकसान
भारी बारिश के चलते बाजार के जलमग्न होने से कई इलाकों की 150 से अधिक दुकानों में तीन से चार फीट पानी भर गया। इससे एक करोड़ रुपए से अधिक का सामान भीगने से खराब हो गया है। कमोबेश हर दुकानदार का सामान भीगने से 20-30 हजार से लेकर दो से तीन लाख रुपए तक का नुकसान हुआ हुआ है। व्यापारियों के अनुसार वर्ष 1982 के बाद हुए भारी जलभराव से बाजार में एक करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है।
मकान ढहने से पिता-पुत्र की मौत
नदी दरवाजा क्षेत्र स्थित फरास पाड़ा में आज सुबह मकान ढहने से पिता-पुत्र की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। घायलों को उपचार के लिए करौली अस्पताल में भर्ती कराया है। जानकारी के मुताबिक मकान गिरने से जाकिर (30) और जिया (10) साल की मौत हो गई और राशिद और शौकीन का उपचार जारी है। एसबीआई बैंक के समीप मकान की दीवार गिरने से स्कूल भवन क्षतिग्रस्त हो गया। चीकना फर्श क्षेत्र में अनुपयोगी पड़ा स्कूल का भवन क्षतिग्रस्त हो गया। चौबे पाड़ा के नीचे एक मकान क्षतिग्रस्त होने से मलबे में दो-तीन बाइक दब गई।
करौली में अलर्ट मोड पर पुलिस
पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के निर्देशों के बाद अत्यधिक जल भराव, नदी नालों के बहाव क्षेत्रों में अलर्ट मोड पर करौली पुलिस के जवान मुस्तैदी से पेट्रोलिंग कर रहे है। पुलिसकर्मी अत्यधिक जल भराव वाले पिकनिक स्पॉटों पर पानी के नजदीक आकर फोटो, रील्स और सेल्फी लेने वाले युवाओं से समझाइश कर रही है। पांचना बांध के 6 गेट खोले
करौली में भारी बारिश के चलते जिले के सबसे बड़े पांचना बांध (Panchna Bandh News Today) का जलस्तर रविवार को काफी बढ़ गया। जिसके चलते बांध के 6 गेट खोल दिए गए है। इससे पहले शनिवार को पांच गेट खोलकर 16 हजार क्यूसेक पानी की निकासी की गई थी। जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना ने भारी बारिश के चलते आमजन से सुरक्षित रहने की अपील की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि उच्च जलस्तर के कारण पांचना बांध के खोले गए 6 गेट! नदी के बहाव क्षेत्र से ग्रामवासी रहें दूर, मवेशियों को जाने से भी बचाएं!
बंधकापुरा में टूटा एनिकट, बाजार में बढ़ा भराव
तेज बारिश के चलते फुलाबाड़ा ग्राम पंचायत के बंधकापुरा में जलसंग्रहण के लिए तालाबनुमा एनिकट की पाल टूट गई। इससे क्षेत्र के घरों में 4-5 फीट तक पानी भर गया। तेज बारिश के रोडवेज डिपो कार्यशाला जलमग्न हो गई। वहीं प्रशासनिक कार्यालय में 3 फीट पानी भर गया। डीजल टैंकों के डूबने से पानी के साथ कुछ मात्रा डीजल भी बाहर आ गया। इससे नुकसान की आशंका है। भरतपुर में भी बाढ़ जैसे हालात
भरतपुर जिले में कई दिनों से हो रही बारिश का दौर रविवार को भी जारी है। मूसलाधार बारिश के चलते शहर की सड़क दरिया में तब्दील हो गई। निचले इलाकों में बाढ़ जैसा नजारा दिखाई दे रहा है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शहर में जलभराव क्षेत्रों में सिविल डिफेंस की टीम भी पहुंची। मौसम विभाग ने भी अगले चार दिन तक भरतपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
कुम्हेर थाना क्षेत्र के अस्तावन गांव में कमरा गिर जाने से हरियाणा के नूंह निवासी जेसीबी मशीन चालक की मौत हो गई। भुसावर उपखंड के गांव कोटकी में शनिवार को बारिश के कारण एक पशु बाड़े की दीवार गिर जाने से 23 भेड़ दब गई। जिसमें से नौ भेड़ मर गई तथा 14 भेड़ घायल हो गई। बयाना के गांव खटनावली के बांध में पानी क्षमता से अधिक भर जाने से बांध टूट गया। इस बांध में 20 फीट तक लबाई में बांध की पाल का कटाव होने से बांध का पानी गांव और खेतों में घुस गया।