इस दौरान लोगों ने जिला मुख्यालय पर लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों का विरोध करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इसके बाद मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में बताया है कि करौली में बिजली कम्पनी द्वारा सही चालू मीटरों को हटाकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, जबकि वर्तमान मीटर व स्मार्ट मीटरों में बिजली की खपत रीडिंग में भारी अंतर है। ज्ञापन में आरोप लगाया है कि डैमो के दौरान स्मार्ट मीटर वर्तमान मीटर से दुगनी रीडिंग बना रहे हंै। जिससे आम जनता परेशान है।
लोगों ने मांग की है कि जिनके घर स्मार्ट लग चुके हैं उन्हें हटवाया जाए तथा स्मार्ट मीटर को प्रशासन, जनप्रतिनिधि और जनता के सामने पहले से लगे मीटरों से तुलनात्मक परीक्षण कराया जाए, जिससे वास्तविकता का पता चल सके। ज्ञापन में करौली जिले में स्मार्ट मीटर नहीं लगाने के साथ पूर्व की तरह 2 महीने का बिल एक साथ जारी कराने की मांग की गई है।
साथ ही बताया है कि प्रतिमाह स्थायी सेवा शुल्क, विद्युत शुल्क, नगरीय उपकर, जल संरक्षण उपकर एवं अन्य शुल्क लिया जाता था। वह अब हर माह लिया जा रहा है, जो कि गलत है। उपभोक्ताओं पर अनावश्यक करों का भार हटना चाहिए। ज्ञापन में दस दिन में मांगों के पूरा करने की मांग की गई है। इस दौरान उत्तमसिंह जादौन, सुरेश शुक्ला,गोपेश शर्मा, मुकेश सोनी, अखलाक अहमद, सुमित्त भट्ट, विकास सिंह जादौन, जमील खान, केके मित्तल, अनूप शर्मा, गजेंद्र भारद्वाज, अजय पाल, राजेश कुमार, अफजाल, सुरेश, जय सिंह मीणा, योगेश कुमार आदि मौजूद रहे।