गत वर्ष भी जिले में मानसून कमजोर ही रहा था, जिससे जिले के बांध-तालाब लबालब नहीं हो सके। इस बार फिर मानसून के पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाने से अब तक जिले के किसी भी बांध-तालाब में पानी नहीं आ सका है। जल संसाधन विभाग के अधीन एक दर्जन से अधिक बांध हैं, जिन्हें अभी तक पानी का इंतजार बना हुआ है। स्थिति यह है कि जिले का एक भी बांध अपनी भराव क्षमता तो दूर उसके आसपास तक नहीं पहुंच सका है। हालांकि जिले के सभी बांधों से सिंचाई नहीं होती है, लेकिन जिन बांधों से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है, उनसे प्रतिवर्ष किसान उम्मीद लगाए रहते हैं। लोगों और किसानों का कहना है कि यदि मानसून मेहरबान नहीं हुआ तो फसल के लिए पानी का संकट हो सकता है। साथ ही क्षेत्र का भू-जल स्तर भी प्रभावित होगा। ऐसे में लोग इन्द्रदेव से अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं।
इस वर्ष एक माह की अवधि में अभी तक मण्डरायल इलाके में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई हैं। जबकि अन्य सभी जगह लगभग इसके मुकाबले काफी कम बारिश है। मण्डरायल क्षेत्र में 15 जून से 15 जुलाई के मध्य 170 एमएम बारिश दर्ज की गई है।
स्थान/वर्ष 2016 2017 2018 2019 2020 2021
सपोटरा 89 170 110 175 150 40
कालीसिल 96 226 169 169 143 31
हिण्डौन 113 105 132 111 94 40
जगर बांध 70 54 78 125 120 50
टोडाभीम 45 106 113 51 24 71
नादौती 142 147 173 199 122 34
महावीरजी 126 129 203 218 148 106
करौली 202 107 102 151 72 72
पांचना बांध 167 115 180 225 76 66
मण्डरायल 230 63 84 236 109 170
विभाग की ओर से 15 जून से मानसून के सक्रिय होने को लेकर तैयारियां की जाती है। यह सही है कि एक माह गुजरने के बाद भी जिले में अभी तक मानसून पूरी तरह सक्रिय नहीं हुआ है, गत वर्षों के मुकाबले अभी तक बारिश कम है। जिससे बांध-तालाबों को भी पानी का इंतजार है। वैसे बारिश का दौर सितम्बर माह तक चलता है, ऐसे में उम्मीद है कि आगामी दिनों में मानसून सक्रिय होगा और बांध-तालाबों में पानी की आवक होगी।
सुशील कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग करौली