ज्योतिषाचार्य पंडित लक्ष्मी नारायण पाठक ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर गुरु चंद्रमा भी इस बार कुंभ राशि में एक साथ होने से गजकेसरी योग का निर्माण भी कर रहे हैं। ऐसा संयोग 474 वर्षों बाद बन रहा है। वहीं रक्षा बंधन पर्व सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बन रहे हैं। इससे पूर्व वर्ष 1981 में ये चारों योग एक साथ बने थे। एक खास बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। ऐसे में दिन भर राखी बांधी जा सकेंगी। हालाकि शाम 5.15 बजे से शाम 6.55 बजे तक राहुकाल में राखी बांधना वर्जित है।