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करौली

रक्षाबंधन पर ग्रहों का बड़ा संयोग, 474 वर्षं बाद बन रहा गजकेसरी योग

Great combination of planets on Rakshabandhan, Gajakesari Yoga is being formed after 474 years-इस बार नहीं हैं भद्रा का साया, सुबह से शाम तक बांधी जा सकेंगी राखी

करौलीAug 21, 2021 / 10:42 pm

Anil dattatrey

रक्षाबंधन पर ग्रहों का बड़ा संयोग, 474 वर्षं बाद बन रहा गजकेसरी योग

रक्षाबंधन पर ग्रहों का बड़ा संयोग, 474 वर्षं बाद बन रहा गजकेसरी योग


हिण्डौनसिटी. भाई- बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन रविवार को परम्परागत तरीके से मनाया जाएगा। रक्षा बंधन पर 474 वर्ष बाद गजकेसरी योग बन रहा है। साथ ही अन्य चार योगों का भी आधी सदी बाद इस बार संयोग बन रहा है। रक्षा बंधन पर सुबह से शाम तक भाइयों की कलाई पर राखियां बांधी जा सकेंगी।

ज्योतिषाचार्य पंडित लक्ष्मी नारायण पाठक ने बताया कि श्रावण पूर्णिमा पर गुरु चंद्रमा भी इस बार कुंभ राशि में एक साथ होने से गजकेसरी योग का निर्माण भी कर रहे हैं। ऐसा संयोग 474 वर्षों बाद बन रहा है। वहीं रक्षा बंधन पर्व सर्वार्थसिद्धि, कल्याणक, महामंगल और प्रीति योग एक साथ बन रहे हैं। इससे पूर्व वर्ष 1981 में ये चारों योग एक साथ बने थे। एक खास बात यह है कि इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं है। ऐसे में दिन भर राखी बांधी जा सकेंगी। हालाकि शाम 5.15 बजे से शाम 6.55 बजे तक राहुकाल में राखी बांधना वर्जित है।
पूर्णिमा तिथि शाम 5.31 बजे तक रहेगी। पाठक ने बताया कि पंंचाग के अनुसार सुबह 6.14 बजे से 7.52 तक सिंह स्थिर लग्न, दोपहर 12 बजे से 2.45 बजे तक वृश्चिक स्थिर लग्न में रक्षा सूत्र बंधन का मुहूर्त है। इन लग्नों के अलावा सुबह 5.50 बजे से लेकर शाम 5.15 तक भी बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
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