डीएसपी ने पांच दिन में मामले का खुलासा कर आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही। लेकिन ग्रामीण मामले में ढिलाई पर दो पुलिसकर्मियों को आरोपित कर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए और शाम तक डीएसपी कार्यालय परिसर में ही बैठे रहे। बाद में करौली के पूर्व विधायक सुरेश मीणा के साथ एसडीएम कार्यालय पहुंच ग्रामीण धरने पर बैठ गए। जहां टेंट लगाने के बाद एसडीएम की समझाइश के बाद ग्रामीणों धरना समाप्त कर लौट गए।
नई मंडी थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी में 10 वर्षीय मूक-बधिर बालिका को जलाने की घटना के 15 दिन बाद आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से दोपहर में दो बस, किसान बुग्घा और अन्य वाहनों से महिला व पुरुष डीएसपी कार्यालय आ गए। बालिका के टोडाभीम क्षेत्र के गांव से आए ग्रामीणों ने क्षेत्रीय विधायक घनश्याम महर व अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यालय में डीएसपी के नहीं होने पर कोतवाली थाना प्रभारी हरलाल सिंह, सूरौठ थाना प्रभारी सुमनसिंह चौधरी व अन्य ने ग्रामीणों को एसआईटी से अनुसंधान जारी होने का हवाला देकर समझाइश के प्रयास किए। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने पुलिस प्रशासन पर लोगों को बेवजह परेशान करने, बजरी निकासी कराने सहित कई आरोप लगाए।
टोडाभीम के एक गांव से सैकड़ों की संख्या में आए ग्रामीण महिला पुरुष साथ में मृत मूक बधिर बालिका का फोटो, पोस्टर बैनर लेकर आए। ग्रामीणों ने बसों और वाहनों पर भी मूक बधिर बालिका को न्याय की मांग के बैनर लगा रखा था। बाद में डीएसपी कार्यालय में बैनर व फोटो लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया।
डीएसपी कार्यालय परिसर में करीब चार घंटे तक घरना प्रदर्शन के बाद शाम करीब 4.30 बजे पैदल एसडीएम कार्यालय की ओर रवाना हो गए। उनके साथ करौली के पूर्व विधायक सुरेश मीणा भी पहुंच गए। ग्रामीणों अनिश्चितकालीन धरना के लिए बाहर टेंट भी लगा लिया। धरने की अनुमति लेने पहुंचे लोग पुलिस के 5 दिन के आश्वासन के बाद एसडीएम की समझाइश पर रजामंद हो गए और धरना समाप्त कर लौट गए।