विकास दुबे बातचीत में कोई बड़े कांड की धमकी दे रहा है। वह कह रहा है कि किसी को जिंदा नहीं छोडूंगा। चाहे पुलिस की जीप को उड़ाना पड़े। विकास दुबे यह कह रहा है- “इतना बड़ा कांड करूंगा, वो जानेगा कि किससे पाला पड़ा है…। फिर चाहे पूरी उम्र फरारी ही क्यों न काटनी पड़े।” तभी उधर से आवाज आती है कि…”पहले हमें तो जानकारी करने दो।” फिर इधर से विकास दुबे बोलता है कि अगर पूरी जीप न मर गई…एक-एक की हत्या कर दूंगा। चाहे फिर पूरी उम्र जेल में ही काटूं।” उधर, से आवाज आती है…”भैया जाने दो अब।”
ऑडियो में विकास लगातार अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा है। दूसरी तरफ से सिर्फ जी-जी.. कहकर बात हो रही है। माना जा रहा है कि यह ऑडियो दो जुलाई का है, जिस दिन विकास दुबे को शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा के मुकदमा दर्ज करने और दबिश की जानकारी मिली थी। ऑडियो में विकास दुबे कह रहा है, यह फर्जी मुकदमा लिखवा रहा है। इस ऑडियो से एक बात साफ है कि पुलिस ने अगर विकास के फोन को गंभीरता से लिया होता तो ये वारदात टाली जा सकती थी। आठ पुलिसवालों की जान बच सकती थी।
२-3 जुलाई की रात पुलिस टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी। लेकिन इसकी जानकारी चौबेपुर थाने से लीक हो गई। विकास को जब इस कार्रवाई की जानकारी हुई तो उसने अपनी शूटरों समेत गैंग के अन्य साथियों को चौकन्ना कर दिया। जब बिकरु गांव पुलिस टीम पहुंची तो पुलिसवालों पर चौतरफा गोलियों की बौछार हुई। जिसमें आठ पुलिसवालों शहीद हो गए।