जिला फर्रुखाबाद निवासी उरई जेल में तैनात जेल के हेड सिपाही रघुवीर सिंह 58 वर्ष पुत्र बाबुराम की ड्यूटी के दौरान मंगलवार की सुबह हालत बिगड़ गई। अचेत हालत में मौजूद कर्मचारी सिपाही को जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जेलर सुनीत कुमार सिंह ने बताया कि रघुवीर वर्ष 2018 से उरई जेल में तैनात था और 2024 में सेवानिवृत्त होना था। उसके दो लड़के तीन लड़की है। सिपाही की मौत से पत्नी पुष्पा देवी सहित अन्य परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है।
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फॉलोअपः पहले दरोगा ने मां को दी थी गाली तब पापा ने चलाई गोलियां, बेटे ने खोले कई राज मालगाड़ी की चपेट में रिटायर राजस्वकर्मी की मौत नई दिल्ली-हाबड़ा रेल रूट पर फफूंद स्टेशन के पास एक वृद्ध रिटायर राजस्व कर्मी मालगाड़ी की चपेट में आ गया। जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटनास्थल पर पहुंचे रेलवे कर्मियों ने शव को ट्रैक से हटाया। 70 वर्षीय मृतक की शिनाख्त क्योटरा गांव निवासी कैलाश नाथ त्रिपाठी रिटायर राजस्व कर्मी के रूप में हुई। घटना मंगलवार दोपहर करीब दो बजे की है। रेलवे स्टेशन पर मौजूद लोगों के अनुसार कंचौसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी मालगाड़ी को स्टेशन मास्टर महेन्द्र बाबू ने जैसे ही मालगाड़ी को कानपुर की ओर रवाना किया। मालगाड़ी की रफ्तार बढ़ते ही प्लेटफार्म पर बैठा रिटायर राजस्व कर्मी मालगाड़ी के नीचे कूद गया, जिससे वह मालगाड़ी की चपेट में आ गया। हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रेलवे स्टेशन पर तैनात पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए। फफूंद जीआरपी शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी। प्लेटफार्म पर रखे झोले में आधार कार्ड, पेनकार्ड, डायरी व पासबुक मिली है। पुलिस द्वारा इसकी सूचना परिजनों को दे दी गई है। खबर लिखे जाने तक घटना स्थल पर नही पहुंचे थे।
छात्रा ने लगाई फांसी मामला महाराजपुर थाना का है, जहां नौंवी कक्षा की छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सोमवार शाम मोबाइल पर बात अधिक करने पर पिता ने डांटा था। मंगलवार दस बजे क्षुब्ध होकर मकान के ऊपरी कमरे में कुंडे से दुपट्टे के सहारे फांसी लगा ली। सुबह लगभग दस बजे पिता जब खेत से वापस घर लौटे, तो घटना का पता चला। पड़ोसियों ने बताया कि सोमवार देर शाम एक मोबाइल किशोरी के पास से पिता सुरेश ने पकड़ा था। किशोरी मोबाइल से किसी से बात कर रही थी। पिता ने फटकार लगाई थी, जिसके बाद से वह अनमन थी।