डीजीपी ने दिया बड़ा बयान राजस्थान के डीजीपी एमएल लाठर ने बड़ा बयान दिया। कहा कि आतंकी संगठनों के सक्रिय रहने के दस्तावेज मिले हैं। कानपुर, दिल्ली और मुम्बई में ये आतंकी संगठन सक्रिय हैं। उदयपुर हत्याकांड के दोनों आरोपियों का इन संगठनों से ताल्लुक जुड़ता नजर आ रहा है।
एनआईए के पास पता लगाने के ज्यादा बेहदर तरीके हैं पता लगाने के एनआईए के सूत्रों के मुताबिक जल्दी ही एक टीम कानपुर के लिए भेजी जाएगी। ये टीम सक्रिय आतंकी संगठन के दस्तावेजों के आधार पर छानबीन करेगी। डीजीपी का कहना है कि एनआईए के पास ऐसे आंतकी संगठनों के बारे में पता लगाने के लिए ज्यादा बेहतर तरीके हैं। जल्द से जल्द एनआईए ऐसे संगठनों का खुलासा करेगी।
दावते इस्लामी का कानपुर हेडक्वार्टर बताते हैं कि दावते इस्लामी की स्थापना 1981 में पाकिस्तान में हुई थी। 1991 में जब हलीम इंटर कॉलेज ग्राउंड पर कांफ्रेंस हुई तो संस्थापक मौलाना इलियास कादरी ने इसमें भाग लिया था। 2000 में नारामऊ में इजतेमा (धार्मिक सम्मेलन) हुआ था, इसमें लाखों लोगों ने शिरकत की थी। 1991 के बाद दावते इस्लामी का दावते इस्लामी ऑफ इंडिया और सुन्नी दावते इस्लामी में विभाजन हो गया था। 2010 के बाद दावते इस्लामी ने फिर अपनी जड़ें मजबूत कीं।