दरअसल कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में रामगोपाल चौराहे के पास कुछ लोगों ने एक ई-रिक्शा चालक की पिटाई कर दी थी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ तो मामला गरमा गया। वीडियो में कुछ लोग एक ई-रिक्शा चालक को पीटते हुए दिखाई देते हैं। पास में ही रिक्शा चालक की मासूम बेटी अपने पिता को छोड़ देने की गुहार लगाती हुई दिखाई देती है। इसी दौरान पुलिस भी युवक को बचाने का प्रयास करते हुए दिखाई पड़ती है। वीडियों वायरल होने के बाद कुछ लोगों ने इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की। इस तरह मामला गरमाया तो पुलिस ने FIR दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस की ओर से की गई गिरफ्तारी की कार्रवाई के विरोध में हिंदूवादी संगठनों से जुड़ी महिलाओं ने डीसीपी कार्यालय पर प्रदर्शन कर दिया। महिलाएं कार्यालय का घेराव करके बैठ गई और हनुनान चालीसा का पाठ करने लगी। आरोप लगाया कि यह पूरा मामला धर्मांतरण से जुड़ा है। उनके संगठनों के लोगों को फंसाया जा रहा है। आरोप लगाया कि एक परिवार की बेटियों के साथ छेड़छाड़ की गई। विरोध करने पर धर्मांतरण का दबाव बनाया गया। पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। बाद में 31 जुलाई को स्थानीय विधायक के कहने पर पुलिस ने पीड़ित परिवार की ओर से मामला दर्ज किया था। यानि मामला दो पक्षों के बीच का है। दोनों पक्षों के बीच मुकदमेंबाजी चल रही है और अब पुलिस ने संगठन के लोगों को साजिशन फंसाया है।
प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने रात में बताया कि उन्हे अफसरों ने आश्वासन दिया है पकड़े गए तीनों युवक राहुल, अजय और अमन को छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद देर रात धरना प्रदर्शन समाप्त हो गया। अगले दिन तीनों को छोड़ दिया गया। पुलिस का कहना है कि तीनों को जमानत मिल गई। कानपुर पुलिस उपायुक्त असीम अरूण ने इस मामले में मीडिया को बयान दिया है कि कानपुर नगर के थाना बर्रा में असरार अहमद नाम के युवक के साथ मारपीट हुई थी। तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है अन्य की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।