जनता से सीधे रूबरू
अपराधियों के खिलाफ कानपुर पुलिस हॉफ एनकाउंटर अभियान चलाए हुए है। इसी बीच देररात आईजी जोन कानपुर आलोक सिंह, एसएसपी अनंत देव तिवारी और एसपी रवीना त्यागी सड़क पर उतरे। भोलेश्वर मंदिर से पैदल गश्त पर हुए आईजी और एसएसपी बर्रा-दो सब्जी मंडी पहुंचे और सीधे लोगों से संवाद स्थापित करके दिक्कतों को जाना। एसएसपी ने सीधे एक युवती से पूछा कि मोहल्ले में कोई शातिर तो नहीं जो आपको परेशान करता हो। अगर कोई और परेशानी हो तो बताएं। यूवती ने सिर हिलाकर कहा, कोई परेशानी नहीं है। इसके बाद उन्होंने युवती को महिला हेल्पलाइन 1090 के बारे में जानकारी दी। बोले, कोई दिक्कत आए तो सीधे इस पर कॉल करें।
आईजी के साथ किया गश्त
एसएसपी ने बीट पुलिसिंग को मजबूत करने के लिए पिंक चौकी पुलिस और थाना सिपाहियों को रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से एप के जरिए जियो टैगिंग भी करवाई। कई जगह सड़क किनारे से अतिक्रमण भी हटवाया। गश्त के दौरान आईजी और एसएसपी ने ज्वैलर्स से सुरक्षा के बंदोबस्त के बारे में भी जानकारी की। सीसीटीवी कैमरे में लगे होने की जानकारी पर अलार्म लगवाने के निर्देश भी दिए। कर्रही रोड पर पैदल गश्त के दौरान गुलाबी बिल्डिंग के पास कोचिंग के नीचे शराब ठेका और अतिक्रमण करके बनाई गई कैंटीन देख एसएसपी भड़क गए। तत्काल बर्रा चौकी प्रभारी पंकज कुमार को बुलाया और फटकार लगाते हुए कहा, अगर कैंटीन नहीं हटी तो तुम भी नहीं रहोगे। उन्होंने तत्काल कैंटीन हटवाने के निर्देश दिए।
कौन हैं एसएसपी अनंत देव तिवारी
एसएसपी अनंत देव तिवारी फतेहपुर जिले के थाना चांदपुर के गांव गढ़ के रहने वाले हैं। इनके पिता पेशे से कथावाचक हैं। 1987 बैच में पीपीएस में भर्ती हुए एसएसपी अनंत देव 2006 में आइपीएस बने। उन्होंने 1997 में शहर में स्वरूपनगर, सदर, कलेक्टरगंज में सीओ पद तैनात रहने के दौरान कई बड़ी घटनाओं के खुलासे किए। एसटीएफ में लंबा समय बिताने वाले श्री तिवारी ने अपनी सर्विस के दौरान 150 एंकाउंटर को लीड किया, जिसमें 38 में खुद गोली मारी। एसएसपी अनंत देव तिवारी ने पाठा के अलावा चंबल व बीहड़ में डकैतों के लिए कामन बनें। बसपा सरकार के दौरान कई डकैतों का एनकाउंटर कर बीहड़ से बंदूक को पूरी तरह से खामोश कर दिया।
ददुआ का किया एनकाउंटर
एसएसपी अनंत देव तिवारी ने पाठा के बेताब बादशाह रहे डकैत ददुआ को मुठभेड़ के बाद मार गिराया था। ददुआ तीस साल तक पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा। मायावती सरकार आने के बाद एसएसपी अनंत देव तिवारी को पाठा में उतारा गया। जिसके चलते ददुआ के अलावा ठोकिया समेत कई इनामी अपराधी व दो आतंकी भी शामिल हैं। वह दर्जन भर जिलों में सीओ व एएसपी रहने के साथ ही सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, प्रतापगढ़, बुलंदशहर, गोरखपुर, फैजाबाद और मुजफ्फरनगर में कप्तान रहे। पुलिस सर्विस में आने से पहले मध्यप्रदेश के बेतूर में बतौर एसडीएम भी काम किया है।
65 से ज्यादा का हॉफ एनकाउंटर
एसएसपी अनंत देव तिवारी ने शहर के शातिर 100 से ज्यादा बदमाशों की कुंडली खंगाली और जिले के सभी थानेदारों को लिस्ट सौंद कर जल्द से जल्द इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने का आदेश दिया। पिछले आठ माह के दौरान पुलिस मुठभेड़ में 65 से ज्यादा अपराधी पुलिस की गोली से घायल होकर जेल भेजे गए हैं। साथ ही 50 से ज्यादा ने लंगड़ा होने के डर से खुद कोर्ट में सरेंडर कर जेल चले गए। एसएसपी ने कहा कि पुलिस शहर के आमलोगों की हिफाजद के लिए है। अपराधी अपराध छोड़ दें, य अजांम भुगतने को तैयार रहें। किसी भी कीमत पर अपराधी बख्से नहीं जाएंगे।
हर चैलेंज स्वीकार
एसएसपी ने कहा कि पुलिस के हर चैलेंज स्वीकार किए जाएंगे। महिला संबंधित अपराध के लिए एंटी रोमियो, महिला हेल्प लाइन जैसी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वहीं थानों पर आने वाले पीड़ितों को भटकना न पड़े इसके लिए उन्हें रिसीविंग दी गई है। जिससे वह निर्धारित समय पर अपनी शिकायत की प्रगति पूछ सकें और संतुष्ट न होने पर उसके आधार पर संबंधित अधिकारी से शिकायत कर सकें। एएसपी से लेकर सिपाही तक ही हर घटना पर जवाबदेही तय की गई है। कोई भी अपनी ड्यूटी से बच नहीं सकता। गश्त में हीलाहवाली और आम जनता से संबंध सुधारने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। पीड़ित के साथ अभद्रता करने वाले पुलिस कर्मी को किसी सूरत में बख्सा नहीं जाएगा।